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अनूठी पहल : पेड़ों को भाई मान 11 साल से राखी बांध रहीं कल्पना

Published - Mon 19, Aug 2019

महज 14 साल की यह लड़की न केवल पेड़-पौधों की देखभाल करती है, बल्कि उन्हें हर साल रक्षाबंधन पर राखी भी बांधती है। इसके साथ ही वह दूसरों को भी पर्यावरण और पौधों के बारे में जागरूक करती है।

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कुल्लू। पेड़-पौधों का हमारे देश में प्राकृतिक और धार्मिक महत्व रहा है। लोग इनकी पूजा करते आए हैं। पेड़-पौधों से लगाव के कई किस्से भी आपने सुने होंगे। कोई इनसे बातें करता है, तो कोई  इनकी पूजा करता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने पेड़ों को अपना भाई मान लिया है। महज 14 साल की यह लड़की न केवल पेड़-पौधों की देखभाल करती है, बल्कि उन्हें हर साल रक्षाबंधन पर राखी भी बांधती है। इसके साथ ही वह दूसरों को भी पर्यावरण और पौधों के बारे में जागरूक करती है।  छोटी सी उम्र में समाज को बड़ा संदेश देने वाली इस बेटी का नाम है कल्पना। लाहौल के मूलिंग गांव की रहने वाली कल्पना पिछले आठ वर्षों से इस अनूठी परंपरा  को निभा रही हैं।  आपको जान कर हैरानी होगी कि कल्पना जब महज 3 साल की थी तो उसने यह कार्य करना शुरू कर दिया था।  कल्पना का पेड़ों से यह लगाव देख दूसरे भी उससे प्रेरणा ले रहे हैं। कल्पना ने इस बार भी पेड़ की पूजा-अर्चना कर राखी बांधी और पौधरोपण किया। अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स अभियान के तहत अमर उजाला ने भी इस दौरान भागीदारी की। छोटी उम्र में पर्यावरण के लिए बड़ा कदम उठाने वाली कल्पना आज क्षेत्र में किसी के परिचय की मोहताज नहीं है।

पर्यावरणविद् पिता बेटी के काम से हैं काफी उत्साहित, मिल चुके कई अवार्ड
पर्यावरणविद् और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित कल्पना के पिता किशन लाल बेटी के इस कार्य से बेहद उत्साहित हैं। किशन लाल कहते हैं कि कल्पना ने 3 साल की उम्र में देवदार के पेड़ को अपना भाई मानकर राखी बांधना शुरू किया था। कल्पना को वर्ष 2011 में वन्य प्राणी सुरक्षा संस्थान की ओर से ट्री ऑफ लाइफ अवार्ड दिया गया है। हिमालयन पर्यावरण एवं वन्य प्राणी संस्थान की ओर से वृक्ष मित्र, स्कूल की ओर से एप्रीसिएशन अवार्ड, प्रेस क्लब कुल्लू की ओर से पर्यावरण मित्र अवार्ड, सुर संगम कला मंच की ओर से एक्सीलेंस अवार्ड, ठाकुर वेद राम मेमोरियल अवार्ड, भारत सरकार वन मंत्रालय एवं पर्यावरण की ओर ग्रीन ब्रांड अंबेसडर ऑफ हिमाचल प्रदेश, हिम उत्कर्ष संस्था की ओर से भी कल्पना को राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।

अपराजिता अभियान से मिलेगी प्रेरणा : कल्पना
कल्पना ठाकुर ने अमर उजाला के अपराजिता अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें इससे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। वहीं, किशन लाल ने कहा कि अपराजिता मुहिम से बेटियों का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में चलाई जा रही अमर उजाला की पहल सराहनीय है।