लेफ्टिनेंट शिवांगी अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद दो दिसंबर को नौसेना में अपनी कमान संभालेंगी। वह बिहार के मुजफ्फरपुर से हैं और यहीं के डीएवी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है।
कोच्चि। बुलंद हौसले के साथ अगर मंजिल की ओर आपने कदम बढ़ाए हैं तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको मंजिल तक पहुचंने से नहीं रोक सकती है। ऐसे ही बुलंद हौसले के साथ हमारे देश की बेटी शिवांगी ने भी अपनी मंजिल तय की और निकल पड़ी उसको पाने के लिए। आज उसने वह कर दिखाया जो आज तक कोई महिला नहीं कर सकी। शिवांगी अगले महीने दो दिसंबर को भारतीय नौसेना में पायलट के रूप में शामिल होकर इतिहास रचने जा रही हैं। लेफ्टिनेंट शिवांगी नौसेना में शामिल होने पहली महिला पायलट होंगी। सेना के अधिकारियों के मुताबिक लेफ्टिनेंट शिवांगी अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद दो दिसंबर को नौसेना में अपनी कमान संभालेंगी। सूत्र ने बताया, 'शिवांगी ग्रेजुएट होने के बाद भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली पहली महिला पायलट होगी। वह बिहार के मुजफ्फरपुर से हैं और यहीं के डीएवी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है।' भारतीय नौसेना अकादमी में शिवांगी को 27 एनओसी कोर्स के तहत एसएसी (पायलट) के तौर पर शामिल किया गया था। पिछले साल जून में वाइस एडमिरल ए.के. चावला ने औपचारिक तौर पर उन्हें कमीशन किया था।
सेना के अधिकारियों ने कहा कि नौसेना की विमानन शाखा में कई महिला अधिकारी एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और प्रेक्षक के रूप में तैनात हैं। शिवांगी की ट्रेनिंग दक्षिणी कमान में चल रही है और 2 दिसंबर को उन्हें डॉरनियर विमान उड़ाने की अनुमति मिलेगी।
इसी साल भावना बनी थीं भारतीय वायुसेना की पहली महिला पायलट
आपको बता दें कि इस साल भावना कांत भारतीय वायुसेना की पहली महिला पायलट बनी थीं, जिन्होंने सभी प्रशिक्षण क्वालीफाई किए थे। भावना के अलावा मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी भी फाइटर पायलट बनी थीं। इसके अलावा भारतीय सेना में 100 महिला सैनिकों का पहला बैच 2021 में शामिल हो सकता है। इन महिला सैनिकों को भारतीय सेना के कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस में कमीशन किया जाएगा।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.