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कनाडा की पहली हिंदू मंत्री बनीं अनीता आनंद

Published - Thu 21, Nov 2019

दो महिलाओं समेत चार को मिला स्थान, पहली बार कनाडा में हिंदू महिला कैबिनेट में

anita anand

कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार में भारतीय मूल व हिंदू समुदाय की अनीता आनंद को स्थान मिला है। उनसे साथ ही तीन और भारतीय मूल के लोगों को शामिल किया गया है, जो पंजाबी के हैं। पिछली कैबिनेट में चार पंजाबी थे, लेकिन अमरजीत सोही इस बार चुनाव नहीं जीत पाए। इस कारण हिंदू समुदाय की अनीता आनंद को लिया गया है। अनीता आनंद टोरंटो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। 
टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर, अनीता आनंद का जन्म नोवा स्कोशिया प्रांत के केंटविले शहर में हुआ था। उनके माता-पिता, दोनों ही पेशे से चिकित्सक व भारतीय हैं। उनकी दिवंगत मां सरोज राम पंजाब के अमृतसर से थीं और उनके पिता एसवी आनंद तमिल हैं। अनीता आनंद कनाडा के प्रतिष्ठित नागरिकों में एक हैं। आनंद संग्रहालय ऑफ हिंदू सिविलाइजेशन की पहली चेयरपर्सन भी थीं। उन्होंने एयर इंडिया फ्लाइट 182 के आतंकवादी बम विस्फोट की जांच में जांच आयोग के लिए शोध भी किया।


कनाडा में हिंदुओं का झंडा बुलंद
कनाडा में हिंदू महिला अनीता आनंद के मंत्री बनने से एक नए इतिहास की शुरुआत हो गई है। कनाडा में पिछली बार सिख समुदाय से मंत्री बने थे लेकिन इस बार ट्रूडो ने अनीता आनंद को स्थान देकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। पहला उन्होंने दोनों समुदाय में संतुलन बनाने की कोशिश की है, वहीं दूसरा इस कदम से भारत व कनाडा के नए रिश्तों की शुरुआत हो सकती है। अभी तक ट्रूडो पर खालिस्तान समर्थक होने का आरोप लगता रहा है।
2018 की शुरुआत में जस्टिन ट्रूडो जब परिवार संग भारत आए तो उनका सात दिवसीय दौरा विवादों से घिर गया था। उस समय कहा गया कि कनाडा में खालिस्तान विद्रोही ग्रुप सक्रिय हैं और जस्टिन ट्रूडो की वैसे समूहों से सहानुभूति है। विदेशी मीडिया में कहा गया कि हाल के वर्षों में कनाडा और भारत की सरकार में उत्तरी अमरीका में स्वतंत्र खालिस्तान के प्रति बढ़े समर्थन के कारण तनाव बढ़ा है। सिख अलगाववादियों से सहानुभूति के कारण ही भारत ने ट्रूडो की यात्रा को लेकर उदासीनता दिखाई थी। हालांकि भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। भारत दौरे के बाद उठे विवाद पर कनाडा की सरकार ने साफ किया था कि उनकी सरकार खालिस्तानियों के खिलाफ है। 
2016 में कनाडा की कुल आबादी में अल्पसंख्यक 22.3 फीसदी थे। 1981 में कनाडा की कुल आबादी में महज 4.7 फीसदी अल्पसंख्यक थे। मौजूदा समय में कनाडा में भारतीय समुदाय के 15 से 16 लाख लोग हैं जिनमें करीब 5 लाख सिख हैं बाकि गुजरात और अन्य राज्यों के हैं। गुजराती लोगों का कनाडा में खासा जनाधार है। 2015 में भारतीय के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा गए थे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का 42 साल बाद कनाडा दौरा था। वहां हिंदू समुदाय की तरफ से मोदी के स्वागत के लिए खासा इंतजाम किया गया था। मोदी वैंकुवर गए तो वहां पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। हिंदुओं की जनसंख्या कनाडा में 1.5 फीसदी के करीब है। कनाडा और भारत के बीच खालिस्तान के मुद्दे को लेकर पैदा हुई कड़वाहट को अनीता आनंद दूर कर सकती हैं। वैंकुवर में हिंदू नेता विनय शर्मा का कहना है कि एक नए रिश्तों की शुरुआत भारत व कनाडा में होने जा रही है। कनाडा तरक्कीशील देश है और भारतीय मूल के लोग इसकी तरक्की के हिस्सेदार हैं।