कहते हैं इंसान ठान ले तो कुछ भी कर सकता है। कुछ ऐसा ही जज्बा रखती हैं मेरठ की रहने वाली सना खान। सना एक सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं। वह वर्मी कम्पोस्ट बनाकर जमीन की सेहत सुधार रहीं हैं। साथ ही युवाओं को उद्यमशीलता का पाठ भी पढ़ा रही हैं।
कहते हैं इंसान ठान ले तो कुछ भी कर सकता है। कुछ ऐसा ही जज्बा रखती हैं मेरठ की रहने वाली सना खान। सना एक सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान
बना चुकी हैं। वह वर्मी कम्पोस्ट बनाकर जमीन की सेहत सुधार रहीं हैं। साथ ही युवाओं को उद्यमशीलता का पाठ भी पढ़ा रही हैं।
उन्होंने जब गोबर से खाद बनाना शुरू किया था तो हर तरफ तरह-तरह की बातें होने लगी थीं, लेकिन उन्होंने उनकी कभी परवाह नहीं की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
अपने मन की बात कार्यक्रम में सना के काम को सराह चुके हैं। मेरठ छावनी की रहने वाली सना ने आइर्एमएस गाजियाबाद से बायोटेक में बीटेक की। इसके बाद
उन्होंने कुछ दिन नौकरी की और बाद में उसे छोड़कर खाद बनाने के काम में ही पूरी तरह जुट गईं। मेरठ में राजकीय इंटर कॉलेज के पास किराए की कृषि भूमि
पर वह वर्ष 2015 से वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रही हैं।
स्वच्छता के प्रहरी के तौर पर भी जाना जाता है
आज उन्हें स्वच्छता के प्रहरी के तौर पर भी जाना जाता है। वह युवाओं को ट्रेनिंग व किसानों को वर्मी कम्पोस्ट बनाने का प्रशिक्षण देती हैं। साथ ही नए लोगों को
जागरूक करती हैं। उनसे 50 से 60 लोग प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हैं। सना ठेकेदारों के जरिए गोबर खरीदती हैं। वर्मी कम्पोस्ट बनाकर विभिन्न संस्थाओं को सप्लाई भी
करती हैं। इससे वह अच्छी आय भी कर रहीं हैं।
गाजियाबाद में भी शुरू किया प्रोजेक्ट
मेरठ में सफल प्रयोग करने के बाद अब सना ने गाजियाबाद में राज नगर एक्सटेंशन के पास वर्मी कम्पोस्ट का एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया है। जहां 1200 गायें
हैं। गोबर के लगे ढेर को निस्तारित करने के लिए गाजियाबाद नगर निगम ने सना को जिम्मेदारी दी है। इससे वह पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दे रही हैं। वह
कहती हैं कि इस जैविक खाद से भूमि की उर्वरकता भी बरकरार रहती है, साथ ही यह किसानों को आसानी से उपलब्ध हो जाती है और सस्ती भी पड़ती है।
इससे लोगों को जैविक खाद से तैयार फल और सब्जी भी मिलते हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.