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पैरों ने साथ छोड़ा तो थाम ली कलम

Published - Sat 07, Mar 2020

जब फुटबॉल टीम की पूर्व कप्तान सोना चौधरी के पैरों ने खेल के दौरान जवाब दे दिया, तो उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपनी संघर्ष की कहानी को महिलाओं की प्रेरणा बनाने के लिए उन्होंने कलम का सहारा लिया।

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कहते हैं कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो तूफान भी रास्ता नहीं रोक सकता। इस कहावत को चरितार्थ किया फुटबॉल टीम की पूर्व कप्तान सोना चौधरी ने, जिनके पैरों ने खेल के दौरान जवाब दे दिया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपनी संघर्ष की कहानी को महिलाओं की प्रेरणा बनाने के लिए उन्होंने कलम का सहारा लिया। आज हालात यह है कि वह दिल्ली पुलिस समेत देश की सुरक्षा एजेंसियों बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ को इमेज मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दे रही हैं। अब तक उनकी पायदान, विचित्र, द फर्स्ट माइनट्रॉम, गेम इज गेम, किताब आ चुकी है। साथ ही वह अंग्रेजी सीखने वालों के लिए क्यूट कस्टर किताब लिख रही है।

दूसरों को देखकर सीखा किक मारना
80 के दौर में मैदान में लड़कियां कम ही देखी जाती थीं। उस समय सोना ने लिंग भेद की बेड़ियों को तोड़कर फुटबॉल को अपने करियर के रूप में चुना। मगर कोच नहीं मिलने की वजह से उन्होंने दूसरों को देखकर जोरदार किक मारना शुरू कर दिया था। इस दमदार किक की चर्चा जल्द ही देश भर में हुई और 1995 से 98 तक भारतीय फुटबॉल टीम की कप्तान के तौर पर उभर कर सामने आई। सही मार्गदर्शक न मिलने की वजह से खेलने के दौरान सोना को काफी चोटें लगी। उनके घुटने खराब होने लगे थे। पहले उनका दायां घुटना खराब हुआ तो वह बायें घुटने का इस्तेमाल करने लगीं मगर धीरे-धीरे सोना के दोनों घुटनों ने अपनी शक्ति खो दी। तीन ऑपरेशन हुए और 6 महीने तक व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। घुटने खराब होने के साथ ही फुटबॉल का सफर यहीं खत्म हो गया था लेकिन जिंदगी में कुछ अलग कर दिखाने का सफर फिर से शुरू हुआ।
सोना को खुद को फिट रखने का शौक है मगर लगातार काम करने से उनके घुटने लॉक हो जाते हैं। हर समय उन्हें दर्दनिवारक दवाओं का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन वह आज भी हिम्मत नहीं हारती है और महिलाओं की प्रेरणा बनती है।

  • हर महिला को अपने जीवन में लक्ष्य तय करने की जरूरत है। उसे तय करना होगा उसे अपनी जिंदगी कैसे जीनी है। संघर्ष तो जिंदगी का हिस्सा है और इन संघर्षों में ही तो जीने का मजा है। मैं जहां से चलती हूं वहीं वापस आ जाती हूं लेकिन मैं आगे बढ़ना नहीं छोड़ती और आप भी नहीं छोड़ें। - सोना चौधरी।