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गीता का प्रयास महिलाओं को आस

Published - Wed 11, Mar 2020

बंगलुरू की गीता ने एक ऐसी डिवाइस ईजाद की है, जो 15 मिनट में ही महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का पता कर लेती है।

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नई दिल्ली। कैंसर जैसे जानलेवा रोग की जांच कराने और उपचार कराने में ही आदमी का दिवाला निकल जाता है। खासकर महिलाएं तो ब्रेस्ट कैंसर की जांच की प्रकिया और शर्म के कारण इस ओर ध्यान ही नहीं देतीं। महिलाओं की इस समस्या को देखते हुए बंगलुरू की गीता ने एक ऐसी डिवाइस ईजाद कर डाली, तो मात्र 15 मिनट में ही ब्रेस्ट कैंसर का पता लगा लेती है। उनकी बनाई इस डिवाइस से अब तक 25 हजार महिलाओं की जांच की जा चुकी है साथ ही उनकी ये डिवाइस क्षेत्र के तीस अस्पतालों में उपलब्ध है।

गीता की संस्था को मिला फंड
गीता के इस प्रयास को काफी सराहा और गीता मंजूनाथ के प्रयास को देखते हुए उनकी संस्था  हेल्थ स्टार्टअप ‘निरामई’  को निवेशकों की ओर से पचास करोड़ रुपये की फंडिंग भी की गई है।

ब्रेस्ट कैंसर से दो बहनों की मौत ने गीता को झकझोरा
कैंसर से मौत को गीता ने अपने ही परिवार में अपनी आंखों से देखा है। उनकी दो चचेरी बहन ब्रेस्ट कैंसर के कारण चल बसीं। उनकी मौत से गीता को धक्का लगा और उन्होंने इसी दिशा में काम करना शुरू किया। उनकी दोनों बहनें तीस साल से भी कम उम्र में चल बसी थीं। गीता को अफसोस इस बात का था कि अगर समय पर कैंसर का पता चल जाता, तो उन्हें बचाया जा सकता था। गीता ने अपने एक साथी से थर्मोग्राफी पर बात की। यह इंफ्रारेड इमेज के आधार पर विश्लेषण की तकनीक है। फिर एक छोटी छोटी रिसर्च टीम तैयार की और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से कैंसर की जल्द पहचान करने में सक्षम एक डिवाइस बनाई।

रखी अपनी संस्था  ‘निरामई’ की नींव
अपनी बनाई डिवाइस के नतीजे देखकर गीता ने संस्था  ‘निरामई’ की नींव रखी। उनकी बनाई डिवाइस से अब तक पच्चीस हजार से ज्यादा महिलाओं की जांच की जा चुकी है। बेंगलुरू, मैसूरु, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, दिल्ली जैसे 12 शहरों और 30 से ज्यादा अस्पतालों में यह डिवाइस इस्तेमाल हो रही है। हाल ही में गेट्स फाउंडेशन ने निरामई को रिवर ब्लाइंडनेस की रोकथाम के लिए सॉफ्टवेयर बनाने का जिम्मा दिया है।