आइजोल (मिजोरम) के जुआंगतुई की रहने वाली कैरोलिन को गणतंत्र दिवस पर वीरता पुरस्कार मिला था। उन्हें यह पुरस्कार एक बच्ची को अपहरणकर्ता से बचाने के लिए दिया गया था। कैरोलीन ने अपने वीरता पुरस्कार की राशि इसी बच्ची के साथ बांटकर एक मिसाल पेश की है।
जिसे अपहरणकर्ता से बचाया, उसके साथ बांटी वीरता पुरस्कार की राशि
नई दिल्ली। आइजोल (मिजोरम) के जुआंगतुई की रहने वाली कैरोलिन को गणतंत्र दिवस पर वीरता पुरस्कार मिला था। उन्हें यह पुरस्कार एक बच्ची को अपहरणकर्ता से बचाने के लिए दिया गया था। कैरोलीन ने अपने वीरता पुरस्कार की राशि इसी बच्ची के साथ बांटकर एक मिसाल पेश की है। उन्होंने उसके गांव थुआलथू पहुंचकर 10 हजार रुपये का चेक प्रदान किया। उनके इस प्रयास पर गांववालों ने उनका भव्य स्वागत किया।
बच्ची को कंधे पर बिठाकर भागी थीं, किडनैपर से बचाया था
कैरोलिन ने सात साल की बच्ची को महिला ट्रैफिकर से बचाया था जो उसे किडनैप करके अपने साथ ले गई थी। कैरोलिन की सूझ-बूझ से बच्ची सही सलामत बच गई थी और आरोपी महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पिछले साल जून में कैरोलिन जब अपने दोस्तों के साथ वॉलिबॉल खेल रही थीं तब उन्होंने बच्ची और महिला को साथ में देखा था। पहले कैरोलिन को लगा था कि दोनों संबंधी हैं लेकिन पुलिस ने अगले दिन मानव तस्कर के बारे में लोगों को सतर्क किया। तब कैरोलिन उस महिला के पास दोबारा गईं और बातचीत शुरू की, तब उन्हें उसके अपहरणकर्ता होने का शक हुआ। कैरोलिन ने देखा कि महिला किसी काम में व्यस्त है। वक्त न गंवाते हुए उन्होंने उस महिला से कहा कि वह उस बच्ची की देखभाल कर सकती है। महिला ने कैरोलिन की बात मान ली और इसके बाद मौके का फायदा उठाते हुए वह उस बच्ची को अपने कंधे पर बिठाकर घर से भाग गईं। बाद में पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया था।
गणतंत्र दिवस पर मिला था बाल वीरता पुरस्कार
इस बार 26 जनवरी को दिए जाने वाले वीरता पुरस्कार पाने वाले 22 बच्चों में कैरोलिन भी शामिल थीं, जिन्हें अदम्य साहस दिखाने के लिए इस साल बाल वीरता पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्होंने बड़प्पन का परिचय देते हुए अपने इनाम की कुछ राशि बच्ची को दी है। इससे सभी को सीख लेनी चाहिए।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.