उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन की छोटी बहन किम यो-जोंग पिछले कुछ वर्षों में यहां एक प्रमुख नेता बनकर उभरी हैं। जोंग अपने भाई-बहनों में अकेली हैं। उन्हें किम जोंग-उन का करीबी और ताकतवर सहयोगी माना जाता है। यहां ऐसे कयास लगाए जाते हैं कि किम जोंग-उन के बाद वह उत्तर कोरिया की रहस्यमयी सत्ता की अगली शासक हो सकती हैं।
नई दिल्ली। किम यो-जोंग 2018 में अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में पहली बार तब आईं थीं, जब वो दक्षिण कोरिया जाने वाली किम वंश की पहली सदस्य बनीं। शीत ओलंपिक के दौरान वो एक शिष्टमंडल के साथ दक्षिण कोरिया गई थी। दक्षिण और उत्तर कोरिया ने एक संयुक्त टीम के रूप में शीत ओलंपिक में हिस्सा लिया था।
साल 2018 में उन्हें अपने भाई और उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग-उन के साथ मिलकर कूटनीतिक रणनीतियां तय करते भी देखा गया। उस साल किम जोंग-उन ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात भी की थी। इन मुलाकातों ने किम यो-जोंग के लिए अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का रास्ता खोला था। इस साल अप्रैल में किम यो-जोंग एक बार फिर अपने भाई की करीबी सहयोगी और वरिष्ठ राजनीतिक भूमिका में नजर आईं। अप्रैल में किम जोंग-उन अचानक ही कुछ हफ्तों के लिए सार्वजनिक जीवन से दूर हो गए थे। इस दौरान उनके गायब होने की अटकलें लगाई जाने लगीं क्योंकि वो किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर नहीं आ रहे थे। इन सबकी वजह से किम जोंग-उन की मृत्यु की आशंका भी जताई जाने लगी थी। तब किम यो-जोंग को उत्तर कोरिया की नई शासक और किम जोंग-उन के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाने लगा था। किम यो-जोंग का राजनीतिक कद सबसे पहले अक्टूबर, 2017 में तब बढ़ा, जब वो ताकतवर पोलित ब्यूरो की सदस्य बनीं। इससे पहले वो उस महकमे की उप निदेशक थीं जो किम जोंग-उन की सार्वजनिक छवि और नीतियों के प्रचार-प्रसार का जिम्मा संभालता है।
योंग के साथ कोई अमेरिकी नहीं कर सकता पैसों का लेनदेन
किम यो-जोंग पर अमेरिका ने उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में प्रतिबंध लगा रखा है। इसका मतलब यह है कि कोई भी अमेरिकी नागरिक उनके साथ पैसों का लेन-देन नहीं कर सकता।
किम जोंग-उन के करीबी के बेटे से हुई है शादी
उत्तर कोरिया में सत्ता और ताकत का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है, इसलिए ये समझना भी मुश्किल है कि किम-जोंग का राजनीतिक नेटवर्क कितना मजबूत है हालांकि ऐसा कहा जाता है कि उनकी शादी किम जोंग-उन के राइट हैंड और पार्टी के सेक्रेटरी चॉय रयोंग-हे के बेटे से हुई है। अगर ये बात सच है तो इससे किम यो-जोंग और ज्यादा ताकतवर हैं।
दक्षिण कोरिया को करारा जवाब देने में योंग का हाथ
किम यो-जोंग तकरीबन 30 साल की एक महिला हैं और काफी प्रभावशाली भी हैं। हाल ही में दक्षिण कोरिया को दिए जाने वाले कड़े जवाब के पीछे किम यो-जोंग ही हैं। उन्होंने उत्तर और दक्षिण कोरिया सीमा पर सैन्यरहति जोन (डिमिलट्राइज्ड) पर सेना भेजने की धमकी दी थी। इससे पहले उत्तर कोरिया ने आरोप लगाया था कि दक्षिण कोरिया सीमा पार से आने वाले सत्ताविरोधी कार्यकर्ताओं और प्रचार सामग्री को रोकने में असफल रहा है। किम यो-जोंग ने सीमा के पास बने उत्तर और दक्षिण कोरिया के साझा दफ्तर को नष्ट करने की धमकी भी दी थी और फिर ऐसी खबरें आईं थीं कि उत्तर कोरिया ने सचमुच ये दफ्तर उड़ा दिया है। दक्षिण कोरिया ने इसके नष्ट किए जाने की पुष्टि की थी। 2018 में बातचीत के बाद दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए यह कार्यालय बनाया था, इससे उत्तर कोरिया ने मार्च 2019 में इस दफ्तर से खुद को अलग कर लिया था।
कौन होगा किम परिवार का उत्तराधिकारी
अगर किम जोंग-उन के उत्तराधिकारी को चुनना हो तो इसमें पारिवारिक रिश्तों की महत्वूर्ण भूमिका होगी। उत्तर कोरिया के प्रॉपगैंडा और राजनीतिक सिद्धातों की शुरुआत देश के संस्थापक किम इल-सुंग ने की थी। माना जाता है कि किम जोंग-उन के बच्चे तो हैं लेकिन वो अभी काफी छोटे हैं। ऐसे में चूंकि किम यो-जोंग परिवार की सदस्य हैं इसलिए उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया मानती है कि किम जोंग-उन के बाद सत्ता की बागडोर उनके ही हाथों में होने की पूरी संभावना है। अगर ऐसा नहीं भी हो पाया तो वह नए नेता के लिए कड़ी प्रतिद्वंद्विता और स्पर्धा पेश करेंगी।
किम यो-जोंग भाई से हैं छोटी
1987 में जन्मी किम यो-जोंग अपने भाई किम जोंग-उन से उम्र में चार साल छोटी हैं। दोनों भाई-बहन ने बर्न (स्विटजरलैंड) में साथ रहकर पढ़ाई की है। वहां किम यो-जोंग हमेशा अपने गार्ड और केयरटेकर्स से घिरी रहती थी। एक बार उन्हें हल्का सा जुकाम हुआ था तो उनके केयरटेकर उन्हें स्कूल से सीधे अस्पताल ले गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक किम यो-जोंग को एक सुरक्षा कवच के अंदर ही बड़ा किया गया है। कहा जाता है कि किम परिवार के ज्यादातर सदस्यों से उनकी बहुत ज्यादा बातचीत नहीं है।
भाई की छवि चमकाना और उनकी राजनीतिक सलाहकार हैं योंग
साल 2014 से किम यो-जोंग का प्रमुख काम अपने भाई किम जोंग-उन की छवि को बेहतर बनाना है। साल 2017 में उन्हें पोलित ब्यूरो का सदस्य बनाया गया जिससे उनका राजनीतिक कद और ऊंचा हो गया। हालांकि इसके साथ-साथ उन्होंने अपने भाई की नीतियों का प्रचार-प्रसार जारी रखा। कहा जाता है कि किम जोंग-उन जब भी सार्वजनिक जगहों पर दिखते हैं, उसका पूरा इंतजाम किम यो-जोंग ही करती हैं। इसके अलावा वो अपने भाई की राजनीतिक सलाहकार भी हैं। माना जाता है कि साल 2019 में जब अमेरिका के साथ उत्तर कोरिया की हनोई शिखरवार्ता असफल होने के बाद पोलितब्यूरो में कुछ हद तक उनकी भूमिका कमजोर कर दी गई थी। हालांकि साल 2020 में वो वापस अपनी पुरानी भूमिका में लौट आईं। साल 2014 से पहले वो कभी-कभी ही लाइमलाइट में नजर आती थीं। साल 2011 में उन्हें अपने पिता के राजकीय अंतिम संस्कार में देखा गया था और 2014 के चुनाव में वह अपने भाई के साथ नजर आई थीं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.