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पिता को खोया, भूखे रहकर पढ़ाई की, अब मप्र की दसवीं बोर्ड टॉपर

Published - Sun 05, Jul 2020

सड़क हादसे में पिता की मौत के बाद मां ने ही कर्णिका को पाला, कर्णिका ने रात-दिन पढ़ाई की और नतीजा यह रहा कि उसने 300 में से पूरे 300 यानी शत प्रतिशत नंबर पाए हैं।

karnika

भोपाल। पांच साल पहले पिता को खो दिया। अचानक आ पड़े आर्थिक संकट में कई बार भूखे रहकर भी पढ़ाई की। इन मुश्किलों के बावजूद भोपाल की कर्णिका ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में टॉप करके दिखा दिया कि हौसलों, लगन और मेहनत के बूते कैसे भी हालात में सफलता हासिल की जा सकती है। कर्णिका ने 300 में से पूरे 300 यानी शत प्रतिशत नंबर पाए हैं। 
पांच साल पहले एक सड़क हादसे में कर्णिका के पिता की मौत हो गई थी। ऐसे में मां ने ही नौकरी करके उसे पाला। दफ्तर से लौटकर ही मां को बेटी के प्रदेश टॉप करने का पता चला। कर्णिका ने बताया, पिता की मौत के बाद मां ने ही सबकुछ संभाला। मां और नानी ही उसके लिए सबकुछ हैं। कहा, वह नंबर के लिए नहीं ज्ञान पाने के लिए पढ़ाई करती है। सुबह और शाम 3-4 घंटे पढ़ाई की। परीक्षा के दौरान भी यही क्रम रहता है, इससे कुछ भूलने की घबराहट नहीं रहती। कर्णिका अपनी पढ़ाई के कारण स्कूल में सबकी चहेती हैं। फीस नहीं भर पाने के कारण स्कूल प्रबंधन ने उसकी फीस भी माफ कर दी। साथ ही ट्यूशन के पैसे भी उससे नहीं लिए गए। इस मदद के बल पर ही वह पढ़ाई जारी रख सकी। 

एमपी पीएससी बनने का लक्ष्य 
पिता की मौत के बाद सारी जिम्मेदारियों का भार मां के ही सर पर आ गया। घर चलाने के लिए मां ने ड्यूटी करना शुरू कर दिया। वह सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे ड्यूटी करती हैं। कर्णिका ने शत प्रतिशत अंक पाने के लिए जी तोड़ मेहनत भी की है। सालभर उन्होंने रोजाना सुबह से शाम तक 3 से 4 घंटे नियमित पढ़ाई की। उसी का परिणाम है कि उन्होंने शत प्रतिशत अंक पाए हैं। ऐसा भी नहीं है कि घर वाले ने पढ़ाई का प्रेशर डाला हो पढ़ाई करना उनका पसंदीदा काम है। कर्णिका का अगला लक्ष्य एमपी पीएससी क्वालीफाई करना है। इसके लिए पीसीएम विषय से आगे की पढ़ाई करने की तैयारी कर रही हैं।