देहरादून की निकिता कौल के पति पुलवामा में आंतिकयों से लोहा लेते शहीद हो गए थे। पति के सपनों को पूरा करने के लिए निकिता अब आर्मी ज्वाइन करने की तैयारी में हैं। निकिता ने सेना में जाने का एग्जाम भी पास कर लिया है और वो जल्द आर्मी ज्वाइन करेंगी।
देहरादून। याद होंगे आपको देहरादून के शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल और उनकी पत्नी निकिता कौल। पति की अंतिम यात्रा पर निकिता ने पति को आई लव यू कहकर विदा किया था। पति की मौत के बाद निकिता का एक एक पल बेहद मुश्किल था। लेकिन पति के अंतिम समय में किया वादा कि वो भी सेना में अफसर बनेंगी निकिता के कानों में गूंज रहा था। निकिता ने उस वादे को याद रखा और आर्मी में जाने की तैयारी करने लगीं। निकिता ने हाल ही में शॉर्ट सेलेक्शन कमीशन की परीक्षा और इंटरव्यू पास कर लिया है। जल्द ही वो आर्मी अफसर कहलाएंगी।
शहीद पति से किया वादा निभाया
मूल रूप से कश्मीर की रहने वाली निकिता कौल और शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंढियाल ने लव मैरिज की थी। लेकिन उनकी खुशियों को ग्रहण लग गया और मेजर शहीद हो गए। पति से निकिता ने वादा किया था कि वो सेना में जाएंगी और अब वो भारतीय सेना ज्वाइन कर रही हैं। मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने वाली निकिता दिल्ली में अपने माता-पिता के पास रखकर आर्मी में जाने की तैयारी में जुट गईं थीं। पिछले साल सिंतबर में उनको परीक्षा का फॉर्म भरा था। जब वो परीक्षा हाल में बैंठी तो उनकी नजरों के सामने मेजर विभूति आ गए और उन्हें ख्याल आया कि उनके पति ने भी ऐसे ही परीक्षा दी होगी। कड़ी मेहनत से तैयारी की और परीक्षा पास भी की।
आसान नहीं था सदमे से बाहर आना
निकिता के लिए फिर से सामान्य जीवन में लौट पाना इतना आसान नहीं था। लेकिन सदमे से बाहर तो निकलना था। निकिता खुद को व्यस्त रखने के लिए पति की मौत के 15 दिन बाद ही ऑफिस जाने लगी थीं। उस दौर में सकारात्मकता तलाश करके फिर खुद को खड़ा कर पाना बहुत मुश्किल है। निकिता के लिए साल बेहद भारी बीता। लेकिन वो खुद को संभालती रहीं। सेना में जाने का मकसद इतना था कि पति से वादा किया है और पति की तरह की देश की सेवा कर इस जख्म को भरना है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.