मुंबई की श्रेया मिश्रा को एक दिन अचानक एक आइडिया आया कि महिलाएं पार्टीज में कपड़े रिपीट करना पसंद नहीं करतीं। क्यों ने इसे ही बिजनेस बना लिया जाए। उन्होंने इस आइडिया पर काम शुरू किया और आज उनकी कंपनी 155 करोड़ की कंपनी बन चुकी है।
मुंबई। महिलाओं के साथ यह सबसे बड़ी दिक्कत है कि वो एक ड्रेस को अगर किसी पार्टी में पहन लें, तो उसे दोबारा पहनने में अपनी तौहीन समझती हैं और दूसरी पार्टी के लिए नई ड्रेस खरीददती हैं। ज्यादातर महिलाओं की ऐसी ही आदत होती है। महिलाओं के इस आदत को बिजनेस बनाने के लिए मुंबई की श्रेया मिश्रा ने प्रयास शुरू किया और आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 155 करोड़ रुपये का है। उनकी कंपनी फ्लाईरोब फैशन क्लोद्स ऑनलाइन किराये पर देती है। उनकी कंपनी को हाल में लगभग 26 करोड़ रुपए की फंडिंग हासिल हुई है।
श्रेया ने आईआईटी मुंबई से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी होने के बाद वह बोस्टन चली गईं और वहां नौकरी शुरू की। वहां श्रेया ने एक बार स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एन्टरप्रेन्योर समिट में हिस्सा लिया। इसी दौरान उनके दिमाग में आइडिया आया कि क्यों न ऑनलाइन वार्डरोब तैयार किया जाए। उनके वार्डरोब में ऐसी ड्रेस होंगी, जिन्हें महिलाएं बिना खरीदे इस्तेमाल कर सकेंगी। बस फिर क्या था श्रेया ने इसी आइडिया पर गंभीरता से काम करना शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने इस काम के लिए एक छोटा सा सर्वे किया। इस सर्वे में उन्होंने दो सौ महिलाओं से इसी को लेकर सवाल पूछे। श्रेया की खुशी और दोगुनी हो गई, जब उनके सर्वे में अस्सी फीसदी महिलाओं के जवाब सकारात्मक थे। इसके बाद उन्होंने प्रणय सुराना और तुषार सक्सेना दस साथ इस ऑनलाइन कंपनी को शुरू किया। फ्लाईरोब ने डिजाइनर लेबल आउट हाउस, मसाबा गुप्ता, रितु कुमार और शेला खान जैसे डिजाइनर के साथ टाईअप किया है। इन डिजाइनर के कपड़े फ्लाईरोब पर किराए में मिलते हैं। प्लेटफॉर्म पर वेस्टर्न वेयर, एथनिक, गाउन, लहंगा, ब्राइडल जैसे सभी कपड़े किराए पर मिलते हैं। प्लेस्टोर में कस्टमर्स ने इस एप को 4.3 स्टार्स की रेटिंग दी है। अभी तक उनके ऐप को 75,000 से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं। फ्लाईरोब ने अभी 53 लाख डॉलर का फंड जुटाया है। उनकी कंपनी के एप को अब तक 75 हजार लोगों द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है। जिस तेजी से उनकी कंपनी की डिमांड बढ़ रही है, उसी तेजी से इन्वेस्टर भी उनकी कंपनी में बढ़चढ़कर पैसा लगा रहे हैं। श्रेया कहती हैं कि महिलाएं कपड़ों के मामले में कुछ भी रिपीट नहीं करना चाहती। महिलाओं की इसी बेसिक फैशन की जरूरत को ही हमने बिजनेस बना दिया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.