भारतीय महिला क्रिकेट की स्टार बल्लेजबाज स्मृति मंधाना अपनी टीम की रनमशीन हैं। मंधाना का नाम सबसे तेज 2000 रन वाले क्रिकेटरों की सूची में शुमार किया जाता है। वह ऐसा करने वाली दुनिया की तीसरी बल्लेबाज हैं। स्मृति ने अपने इस रिकॉर्ड में सौरभ गांगुली और विराट कोहली को भी पीछे छोड़ दिया है।
नई दिल्ली। भारत में क्रिकेट किसी धर्म से कम नहीं और क्रिकेटर दर्शकों के भगवान की तरह हैं। एक ओर जहां रनों का अंबार लगाने वाले क्रिकेटरों में विराट कोहली का नाम आता है, वहीं भारतीय महिला क्रिकेट टीम में भी एक रनमशीन क्रिकेटर है, जो विराट को टक्कर देती हैं। इस महिला क्रिकेटर का नाम है स्मृति मंधाना। बाएं हाथ की इस बल्लेबाज ने बीते साल नवंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम में ये उपलब्धि हासिल की है। 23 साल की स्मृति मंधाना ने 2,000 रन बनाने के लिए 51 पारियां ली। इसी के साथ वह विश्व में सबसे तेज दो हजार रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में तीसरे नंबर पर आ गई हैं। उनसे ऊपर ऑस्ट्रेलिया की बेलिंडा क्लार्क और मेग लेनिंग है।
औसत भी है शानदार
स्मृति के अगर रन औसत की बात करें, तो उन्होंने अब तक 51 वनडे मुकाबलों में 43.08 की औसत से 2,025 रन बनाए हैं। इसमें चार शतक और 17 अर्धशतक शामिल है। मंधाना के अलावा शिखर धवन ही केवल ऐसे भारतीय हैं, जिनके नाम 50 ओवर में सबसे तेज दो हजार रन बनाने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 48 पारियों में यह कीर्तिमान स्थापित किया था। अपने इस रिकॉर्ड में स्मृति ने न केवल विराट की बराबरी कर ली है साथ ही इस रिकॉर्ड में स्मृति मंधाना ने सौरव गांगुली और विराट कोहली को भी पीछे छोड़ दिया है। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने यह मुकाम हासिल करने के लिए 52 पारियां खेली थीं। नवजोत सिंह सिद्धू ने भी वनडे क्रिकेट में 2000 रन पूरे करने के लिए 52 पारियां खेली थीं। भारत के कप्तान विराट कोहली ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए 53 पारियां खेली थीं।
पिता ने दी प्रेरणा
मुंबई के एक मारवाड़ी परिवार से ताल्लुक रखने वाली स्मृति 1996 में मुंबई में जन्मीं। पिता सांगली की केमिकल फैक्ट्री में डिस्ट्रीब्यूटर रहे हैं। उनकी मां चाहती थीं वो टेनिस खेलें ओर पिता उन्हें क्रिकेट का सितारा बनते देखने चाहते थे। पिता के साथ और प्रेरणा से ही स्मृति ने क्रिकेट में पिता का सपना पूरा कर दिखा दिया कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं।
नहीं की लोगों की परवाह
स्मृति ने जब क्रिकेट खेलना शुरू किया तो पास-पड़ोस के लोग उनका मजाक उड़ाते थे। लोग कहते कि भारत में लड़कियों का क्रिकेट खेलने का कोई मतलब नहीं है। लेकिन स्मृति ने इसकी परवाह किए बिना केवल अपने लक्षय पर फोकस रखा और आज वो एक नामी सितारा हैं।
रेस्तरां खोलना है सपना
स्मृति को जब भी समय मिलता है, वो अपनी पसंद का काम करती हैं। फिल्में देखना, संगीत सुनने के अलावा उनका सबसे पसंदीदा काम है खाना बनाना। स्मृति का सपना है कि वो अपना रेस्तरां खोले। इसके लिए वो अपना ड्रीम मैन्यू भी बना चुकी हैं। जब भी समय आएगा वो इस रेस्तरां को जरूर खोलेंगी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.