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एक दिन की मुख्यमंत्री बनीं सृष्टि ने पुलिस अधिकारियों की ली क्लास, कहा-अपराध पर लगाएं लगाम

Published - Mon 25, Jan 2021

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर पुलिस अफसरों से कहा बाल और महिला अपराधों पर लगाम लगाएं, पलायन रोकने के लिए स्वरोजगार के अवसर दिलाने पर भी दिया जोर

srishti goswami

देहरादून। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर एक दिन के लिए उत्तराखंड की ‘मुख्यमंत्री’ बनी हरिद्वार की सृष्टि गोस्वामी ने खूब तेवर दिखाए। बतौर मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक में पुलिस अधिकारियों को उन्होंने बाल अपराधों पर लगाम लगाने को कहा। सृष्टि ने कहा प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षित माहौल मिले।
हल्के नीले रंग का कोट पहने, माथे पर छोटी सी काली बिंदी लगाए रुड़की बीएसएम पीजी कालेज की बीएससी कृषि की छात्रा सृष्टि गोस्वामी एक दिन का मुख्यमंत्री बनने पर खासी गंभीर नजर आईं। विधानसभा में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक में सृष्टि ने कहा कि बालिकाओं को स्कूल आने-जाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बालिकाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं, इन पर रोक लगाने के प्रभावी इंतजाम किए जाएं। इसके अलावा स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर पलायन रोकने की दिशा में भी काम किया जाए।
बैठक में पुलिस विभाग की ओर से डीआईजी निलेश आंदन भरणे ने कहा कि प्रदेश में महिला अपराध में कुछ इजाफा हुआ। इसकी एक वजह यह भी है कि थाने आने वाली महिलाओं की शत-प्रतिशत शिकायतें दर्ज की जाती हैं। उन्होंने कहा कि थाने में महिला आती है तो किसी की शिकायत रिसीव हो न हो, महिलाओं की जरूर होगी। बैठक में लोक निर्माण विभाग ने डोबरा चांटी पुल के बारे में जानकारी दी। इसके बनने से जिला मुख्यालय से प्रतापनगर की दूरी डेढ़ सौ किलोमीटर से घटकर 68 किलोमीटर रह गई है। पर्यटन विभाग की ओर से बताया गया कि सरकार की ओर से होम स्टे योजना लाई गई। सिंचाई विभाग की ओर से सूर्याधार झील के निर्माण एवं इससे होने वाले लाभ की जानकारी दी। उरेडा की ओर से बताया गया कि प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जो काम किए जा रहे हैं, इससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार मिलेगा। बैठक में बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी, अपर सचिव झरना कमठान आदि मौजूद रहे।

विधानसभा पहुंचने पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने किया स्वागत

सृष्टि के विधानसभा पहुंचने पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत ने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हरिद्वार में होने की वजह से उनके स्थान पर उन्हें कार्यक्रम में आना पड़ा है।  

बाल विधानसभा में विधायकों ने सरकार को घेरा, सृष्टि ने दिए जवाब

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विधान सभा में बाल विधायकों ने सरकार को घेरने का प्रयास किया। सदन में नेता प्रतिपक्ष आसिफ हसन ने सरकार की तीन साल की तीन उपलब्धियां पूछीं। बाल विधायकों के सवालों का एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनी सृष्टि ने जवाब दिए।
सृष्टि गोस्वामी ने कहा कि तीन दिन पहले बाल मित्र थाने की शुरुआत की गई है। प्रेमनगर में बहुउद्देश्यीय क्रीड़ा भवन का उद्घाटन किया गया। पुरकुल में सैन्यधाम की आधारशिला रखी गई है। बाल विधायक ऋतिका ने कहा कि जिस उद्देश्य के लिए राज्य गठन की मांग जनता ने की उस दिशा में क्या किया गया है। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का निर्णय लिया है। वहां चाय विकास बोर्ड बनाने का भी निर्णय लिया गया है। इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से एक लाख करोड़ की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। विपक्ष ने रोजगार, फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित सवाल किए। इस पर सत्ता पक्ष ने सरकार के विभिन्न कार्यों को सामने रखा। 

राजनीति से दूर है सृष्टि का परिवार

सृष्टि गोस्वामी के परिवार का राजनीति से दूर कर कोई वास्ता नहीं है। रुड़की के दौलतपुर गांव निवासी प्रवीण पुरी की बेटी सृष्टि ने एक दिन की मुख्यमंत्री बनकर न सिर्फ पिता का माथा गर्व से ऊंचा कर दिया, बल्कि अन्य बेटियों के लिए भी वह प्रेरणा स्रोत बन गई है।
सृष्टि के पिता प्रवीण पुरी गांव में दुकान चलाते हैं। मां सुधा गोस्वामी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। प्रवीण कहते हैं कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी बेटी की वजह से उन्हें इतना सम्मान मिलेगा। उन्हें और उनकी बेटी को जो सम्मान मिला उसे वह कभी भुला नहीं पाएंगे। वे बताते हैं कि वह अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलाना चाहते हैं। क्योंकि शिक्षित होकर ही शोषण को रोका जा सकता है। पढ़ाई पूरी करने के बाद सृष्टि क्या करना चाहेगी यह उसी पर निर्भर करेगा।

असल रूप में भी बनना चाहती हैं सीएम

एक दिन की सीएम बनी रुड़की बीएसएम पीजी कालेज से बीएससी कृषि की छात्रा सृष्टि का कहना है कि एक चुनाव प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही वह बाल विधान सभा की मुख्यमंत्री बनी हैं। भविष्य में मौका मिला तो वह राजनीति में आकर असल रूप में भी सीएम बनना चाहेंगी। एक दिन की सीएम बनी सृष्टि गोस्वामी ने बालिका शिक्षा और सुरक्षा पर जोर दिया। कहा कि कालेजों में बालिकाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। सीएम के रूप में उसने सुझाया कि बालिका सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए।

जब विकास कार्यों पर तालियां बजाने लगे ‘नेता प्रतिपक्ष’

विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष को सरकार की खिंचाई करते देखा जाता रहा है, लेकिन रविवार को बाल विधान सभा के दौरान विभिन्न विभागों के प्रस्तुतिकरण के दौरान बाल विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष आसिफ हसन तालियां बजाते नजर आए। विधान सभा में सत्ता पक्षा और विपक्ष के बीच भले आमने सामने वाली स्थिति बनी रहती है, लेकिन राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विधान सभा में बाल विधान सभा के विधायक और मंत्रियों के बीच गजब का तालमेल दिखा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक एक साथ रेसकोर्स स्थित ट्रांजिट हॉस्टल में रुके। रविवार सुबह एक साथ विधान सभा पहुंचे।

और जब आयोग की अध्यक्ष हुईं सीएम से नाराज

विधान सभा में विभागों के प्रस्तुतिकरण के दौरान पांच मिनट का ब्रेक हुआ। इस बीच मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी कुछ देर के लिए कमरे से बाहर चली गईं। जहां उन्हें मीडिया ने घेर लिया। वह जब वापस लौटीं तो बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने यह कहते हुए उनसे नाराजगी जताई कि अभी मीडिया से बात करने के लिए मना किया गया था।

बालिका निकेतन का निरीक्षण किया

बाल सीएम सृष्टि गोस्वामी ने केदारपुरम स्थित शिशु एवं बालिका निकेतन का निरीक्षण भी किया। उन्होंने बच्चों के रहने, खाने-पीने की व्यवस्थाओं को परखा, जिस पर संतोष जताया। सृष्टि ने बच्चों से बातचीत भी की और उनकी कहानी जानीं। उन्होंने बच्चों को त्यागने वाले लोगों की मानसिकता पर भी चिंता जताई। इसमें सुधार के लिए सामाजिक जागरूकता लाने की जरूरत बताई। सृष्टि ने कहा कि हर जिले में बालिका व शिशु निकेतन होना जरूरी है। जहां निराश्रित बच्चों को सरकार सुरक्षित छत दे सके। सृष्टि ने बच्चों के साथ भोजन भी किया। बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। इस दौरान बाल आयोग अध्यक्ष उषा नेगी भी मौजूद रहीं।