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तान्या के परदादा, दादा और पिता ने सेना में रहकर की है देश की सेवा

Published - Thu 16, Jan 2020

तान्या सेना दिवस परेड की अगुवाई करने वाली पहली महिला अफसर हैं। उन्होंने पुरुष की बटालियन की संभाली कमान, गणतंत्र दिवस परेड का भी नेतृत्व करेंगी

Tania Shergill

नई दिल्ली। कैप्टन तान्या शेरगिल सेना दिवस परेड की अगुवाई करने वाली पहली महिला अफसर बन गई हैं। दिल्ली कैंट के करियप्पा परेड ग्राउंड पर बुधवार को तान्या ने पुरुषों की बटालियन का नेतृत्व किया। कैप्टन तान्या 26 जनवरी को राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड की भी अगुवाई करेंगी। पंजाब के होशियारपुर जिले की तान्या के परदादा, दादा और पिता ने भी सेना में रहकर देश की सेवा की है। 
 तान्या थल सेना के सिग्नल कॉर्प्स में कैप्टन हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बीटेक तान्या को चेन्नई की ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से 2017 में कमीशन मिला था। तान्या की उपलब्धि इस लिहाज से मायने रखती है कि उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद सेना में भर्ती होने का फैसला किया। दरअसल, तान्या को देशसेवा और सैन्य अनुशासन एक तरह से पारिवारिक विरासत में ही मिला है।

बीते साल भावना ने किया था गणतंत्र दिवस परेड की अगुवाई
कैप्टन तान्या शेरगिल गणतंत्र दिवस 2020 की परेड के लिए पहली महिला परेड एडजुटेंट भी होंगी। सेना में परेड एडजुटेंट का पद महिलाओं के लिए काफी महत्व रखता है, जिस पर पूरी परेड की जिम्मेदारी होती है। पिछले साल भी महिला अफसर कैप्टन भावना कस्तूरी ने गणतंत्र दिवस की परेड का नेतृत्व किया था।

चार पीढ़ियों से सेना में शेरगिल परिवार
तान्या शेरगिल के परिवार की चार पीढ़ियां सेना में शामिल रही हैं। उनके पिता 101 मीडियम आर्टिलरी रेजीमेंट में तोपखाने में थे। दादा 14वीं आर्म्ड रेजीमेंट (शिंदे हॉर्स) में बख्तरबंद सदस्य थे। तान्या के परदादा सेना की सिख रेजीमेंट में पैदल सैनिक के तौर पर सेवा दे चुके हैं।

2021 में महिला मिलिट्री पुलिस के पहले बैच को ट्रेनिंग
दिसंबर 2018 में जारी आंकड़ों के अनुसार, 4 फीसदी से भी कम महिलाओं को सेना में नियुक्त किया जाता है वह भी केवल सहायकों की भूमिका में। हालांकि पिछले कुछ सालों में परिदृश्य में बदलाव हुआ है। पिछले साल सितंबर में सेना ने एलान किया कि वह जल्द ही आठ और शाखाओं में महिलाओं का प्रवेश करने जा रहा है। इस क्रम में 2021 के लिए महिला मिलिट्री पुलिस के पहले बैच को ट्रेनिंग दी जा रही है।

फील्ड मार्शल करियप्पा के सम्मान में है सेना दिवस
भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ रहे फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। करियप्पा ने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश सेनानायक सर फ्रांसिस बुचर से प्रभार लिया था। उन्होंने 1947 के भारत-पाक युद्ध के दौरान देश के पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। वे 1986 में फील्ड मार्शल की पदवी हासिल करने वाले दूसरे अफसर थे। पहले फील्ड मार्शल जनरल एसएफजे मानेकशॉ थे, जिन्हें यह खिताब मिला था।