ए आनंदवल्ली ने एक दशक पहले केरल में पठानपुरम ब्लॉक पंचायत में अंशकालिक सफाई कर्मचारी के तौर पर काम शुरू किया तो उन्होंने कभी पंचायत प्रमुख बनने का सपना तक नहीं देखा था। हालांकि अब वह इस पंचायत की प्रमुख हैं।
'कर्म कीजिए, फल की चिंता मत करिए' इस वाक्व को आपने कई बार सुना होगा। इसे चरितार्थ कर दिखाया है केरल के कोल्लम जिले की ए आनंदवल्ली ने। आनंदवल्ली ने जिस जगह पर 10 साल तक साफ-सफाई का काम किया वहां की आज वह प्रमुख बन गई हैं। अब वह पंचायत अध्यक्ष बनकर महत्वपूर्ण फैसलों से जुड़ी फाइलों का निपटारा करती नजर आ रही हैं।
ए आनंदवल्ली ने एक दशक पहले केरल में पठानपुरम ब्लॉक पंचायत में अंशकालिक सफाई कर्मचारी के तौर पर काम शुरू किया तो उन्होंने कभी पंचायत प्रमुख बनने का सपना तक नहीं देखा था। हालांकि अब वह इस पंचायत की प्रमुख हैं। अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वालीं 46 वर्षीया आनंदवल्ली स्थानीय निकाय चुनाव जीतने के बाद इस पंचायत की प्रमुख बन गई हैं। सफाईकर्मी के तौर पर काम करने के दौरान उन्होंने हमेशा अपने काम को दिल से किया। इसलिए लोग उन्हें पसंद करते हैं और उन्हें वहीं का अध्यक्ष बना दिया जहां वह साफ-सफाई करती थीं।
दो बच्चों की मां आनंदवल्ली ने कहा, उन्होंने कभी इस पद तक पहुंचने के बारे में नहीं सोचा। हाल ही में हुए निकाय चुनाव में पठानपुरम ब्लॉक पंचायत में माकपा की अगुवाई वाले एलडीएफ को पूर्ण बहुमत मिला है। माकपा ने आनंदवल्ली को अध्यक्ष पद के लिए नामित किया था। माकपा उम्मीदवार के तौर पर आनंदवल्ली ने थालावूर की एससी सीट पर जीत दर्ज की। 13 सदस्यीय ब्लॉक पंचायत में एनडीएफ को सात और कांग्रेस को छह सीट मिलीं। आनंदवल्ली ने 30 दिसंबर को पदभार ग्रहण कर लिया।
चाय पानी पिलाना और झाड़ू पोंछा था काम
पिछले हफ्ते तक आनंदवल्ली इसी ब्लॉक आफिस में लोगों को चाय-पानी पिलाती थीं और झाड़ू पोंछा करती थी। उन्होंने कहा, ब्लॉक पंचायत प्रमुख का पदभार मिलने से सभी अधिकारी खुश हैं। उन्होंने कहा, मेरा मकसद लोगों को बेहतर प्रशासन देना और उनकी सेवा करना है। 2011 में पार्ट टाइम सफाईकर्मी बनीं आनंदवल्ली की 2017 तक मजदूरी 2000 रुपये थी। बाद में इसे बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया गया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.