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महिलाओं ने लिया बेटियों को बचाने का संकल्प

Published - Mon 14, Oct 2019

बेटियों से भेदभाव के कारण ही आज नवरात्र में पूजन को नहीं मिलती हैं कन्याएं

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पिथौरागढ़। अमर उजाला अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स की ओर से धनौड़ा में कार्यक्रम आयोजित किया गया। नवरात्र पर आयोजित इस कार्यक्रम में बेटियों का महत्व बताया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने बेटी बचाने का संकल्प लिया।
धनौड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष अजय ओली ने कहा कि आज के शिक्षित समाज में भी बेटा-बेटी में भेदभाव जारी है। इसी भेदभाव के कारण कन्या भ्रूण हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि एक ओर नवरात्रों में घर-घर कन्या पूजी जाती हैं दूसरी ओर कन्याओं को गर्भ में ही मार दिया जाता है। उन्होंने नव दुर्गा से लेकर सती सावित्री और रानी लक्ष्मी बाई के उदाहरण देते हुए कहा कि बेटियां किसी भी युग में बेटों से कभी कमतर नहीं रही हैं। बेटियों के साथ भेदभाव का ही नतीजा है कि आज कन्या पूजन के लिए बेटियां नहीं मिलती हैं। उन्होंने कहा कि इस भेदभाव को समाप्त करने के लिए हर महिला और पुरुष को अपनी सोच बदलनी होगी। इस अवसर पर सभी महिलाओं ने बेटी बचाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में  माया चौंसाली, राधिका भट्ट, सीमा देवी, प्रेमा भट्ट, दीपा जोशी, लक्ष्मी पांडेय, बसंती चंद, शांति चंद, सावित्री जोशी, पूनम पाल, सुनीता भट्ट, धनेश्वरी देवी आदि महिलाएं उपस्थित थीं।