पुलिस अधीक्षक अपराध ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद ने छात्र-छात्राओं को पुलिस का मित्र बनकर सहयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि घटना से आपका बचाव सिर्फ सतर्कता, सावधानी और समझदारी ही कर सकती है।
वाराणसी। पुलिस समाज का हिस्सा है, समाज से अलग नहीं...। आपको पुलिस को अपना दोस्त समझना होगा, तभी यह समाज और सुरक्षित होगा। पुलिस अधीक्षक अपराध ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद ने छात्र-छात्राओं को पुलिस का मित्र बनकर सहयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि घटना से आपका बचाव सिर्फ सतर्कता, सावधानी और समझदारी ही कर सकती है। अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत बुधवार को अलाउद्दीनपुर स्थित ओएसिस पब्लिक स्कूल में एसपी क्राइम की क्लास लगी, जहां उन्होंने छात्रों को पुलिस का महत्व बताया और उनके सवालों के जवाब दिए।
उन्होंने साइबर क्राइम से बचने के लिए सोशल मीडिया और गैजेट्स का प्रयोग कम से कम करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के प्रयोग में सावधान रहे, फेक अकाउंट व अनजान लोगों के फ्रेंड रिक्वेस्ट से बचें। भय और लालच पर नियंत्रण रखने से ही आप अपराध से बच सकते हैं। छात्राओं के साथ कुछ गलत हो तो वे शिकायत डॉयल 112 पर करने के साथ ही वुमन हेल्पलाइन 1090 पर शिकायत कर सकती हैं। 1090 पर शिकायत करने पर पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अच्छे नागरिक बनकर सामाजिक जिम्मेदारियों को समझें, तभी समाज में अपराध का ग्राफ नीचे आ सकता है। कार्यक्रम में 300 छात्राओं के अलावा विद्यालय के निदेशक डॉ. आनंद सिंह, प्रधानाचार्य केडी त्रिपाठी, श्रवण सिंह, रेनू त्रिपाठी, सुशील कु मार यादव, ओम प्रकाश आदि मौजूद रहे।
नारी खुद में एक शक्ति
समाज में आज भी बेटा और बेटी के लिए दो विभिन्न मानसिकताएं कायम हैं। अक्सर बेटियों को इस मानसिकता का सामना करना पड़ता है, जो उन्हें आगे बढ़ने से रोकती है। इस सोच में कुछ हद तक बदलाव आया है, लेकिन अभी भी जागरूकता की कमी है। अगर बच्चियां खुद आगे बढ़ना चाहती हैं तो उन्हें इन रूढ़ियों से लड़ना होगा। अपनी तरक्की का रास्ता खुद बनाना होगा, क्योंकि नारी खुद में नर से दोगुनी ताकत रखती है।
छात्राओं ने पूछे सवाल
सवाल- बलात्कारी या अपराधियों को बेल क्यों मिल जाती है ? - एकता सिंह
जवाब- पुलिस का काम सिर्फ जांच करना है। हमारे न्यायालय का सिद्धांत है निर्दोष को सजा ना मिले। लेकिन दुष्कर्म के लिए अब सख्त कानून बन गए हैँ, जिससे उन्हें जल्द सजा मिलेगी।
सवाल -पुलिस क्राइम होने के बाद क्यों एक्शन लेती है ? - समृद्धि त्रिपाठी
जवाब- अपराधी प्रवृत्ति के इंसानों के द्वारा किए जाने वाले अपराध हम पहले ही रोक लेते हैं, लेकिन जिनका अपराध से कोई नाता नहीं या घर-परिवार में जो अपराध हो रहे हैं, उनका हमें नहीं पता चल पाता।
सवाल- क्या परिधान लड़कियों के साथ दुष्कर्म का कारण है? - हरि प्रिया
जवाब- यह लोगों की गलत सोच है, जिसे बदलने की जरूरत है। दुष्कर्म एक प्रकार का सोशल क्राइम है, जिसे जागरूकता लाकर बहुत हद तक रोका जा सकता है।
सवाल- हमारे साथ जब कुछ गलत होता है, घर वाले बोलते हैं। इसे किसी को बताने से मना क्यों करते हैं? - दीपशिखा
जवाब- जो भी इस तरह का बात करता है, वो गलत कर रहा है। आपको कोई भी परेशानी हो या आपको लगता है कि मेरे साथ यह गलत हो रहा है तो उसकी शिकायत आप खुद वुमेन पावर लाइन पर सकती हो, बिना अपनी पहचान बताएं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.