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छात्राएं निडर होकर मनचलों को दें करारा जवाब

Published - Sat 31, Aug 2019

पंडित तेजराम एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में हुई पुलिस पाठशाला, बीएड, बीटीसी की छात्राओं ने पुलिस के अधिकारियों से किए सवाल, पाठशाला में सीओ और इंस्पेक्टर ने छात्राओं को दिए आत्मरक्षा के टिप्स

police ki pathshala

गाजियाबाद। शहर के पंडित तेजराम एजुकेशनल इंस्टीटयूट में अमर उजाला के अपराजिता कार्यक्रम के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें सीओ प्रथम धर्मेंद्र चौहान और सिहानीगेट थाना प्रभारी उमेश बहादुर सिंह व एसआई प्रजंत त्यागी ने छात्राओं को आत्मरक्षा के बारे में बताया। उन्होंने छात्राओं से कहा कि किसी से डरें नहीं, सभी का डटकर सामना करें। छात्राओं ने अधिकारियों से कई सवाल किए, जिसका अधिकारियों ने जवाब दिया। कुछ छात्राओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। एक छात्रा ने कहा कि भाई को स्कूल से लाते समय मनचलों ने उसके साथ छेड़छाड़ की, तमंचा भी दिखाया, लेकिन पुलिस से उसे कोई मदद नहीं मिली। 100 नंबर पर भी कई बार कॉल किया, वह भी व्यस्त जाता रहा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीओ प्रथम धर्मेंद्र चौहान और इंस्पेक्टर उमेश बहादुर सिंह ने कहा कि छात्राओं और महिलाओं को सशक्त होने की जरूरत है। कई बार छात्राओं के साथ छोटी-छोटी घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन वह उनको नजरअंदाज करती रहती हैं। यह गलत है। ऐसा नहीं करना चाहिए। यदि इन बातों को लेकर पुलिस के पास नहीं आ सकती, तो अपने परिवार के लोगों या शिक्षिकाओं से जरूर शेयर करें। परिवार के लोग और शिक्षिकाएं पुलिस में शिकायत करें। ऐसा करने से आप तो सुरक्षित रहेंगे ही अन्य छात्राएं व लड़कियां भी अपकी वजह से सुरक्षित हो जाएंगी। उनके साथ होने वाली छेड़छाड़ व अन्य घटनाएं रुक जाएंगी।

एक छात्रा ने सवाल उठाया कि उनके साथ छेड़छाड़ की गई, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। एक छात्रा ने सवाल किया कि लड़कियों और महिलाओं के थाने में बहुत सारे केस लंबित पड़े हैं। एक ने कहा कि शहर में बच्चा चोरी की अफवाह फैल रही है। एक छात्रा ने कहा कि चौकी के सामने उनका पर्स चोरी हो गया लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। पुलिस ने इन सभी सवालों के जवाब दिए। साथ ही मनचलों से निपटने के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि स्कूल कालेज आते-जाते समय कोई रास्ते में छेड़छाड़ करे तो पुलिस को सूचना दें। पुलिस दो से तीन मिनट में पहुंचकर मदद करेगी। यदि उस समय शिकायत नहीं कर पाते हैं तो पुलिस को फोन करके आरोपी के बारे में बताएं। उसका नंबर दें, पुलिस आपका नाम गोपनीय रखेगी और संबंधित युवक के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने सलाह दी कि अपने साथ पढ़ने वाले दोस्तों पर विश्वास करिए लेकिन किसी पर अंधविश्वास मत करिए। परिवार के लोगों को भी जानकारी दीजिए।

  • अमर उजाला को धन्यवाद। उन्होंने अपराजिता कार्यक्रम के तहत पुलिस अधिकारियों से मिलवाया, जिनके सामने हम अपनी समस्याएं रख सके। - करिश्मा
  • लड़कियों की जागरूकता के लिए ऐसे आयोजन होने बहुत जरूरी है। पुलिस के अधिकारियों से छात्राएं रूबरू होती हैं तो उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है। - काजल
  • हम लोगों को समझने की जरूरत है कि पुलिस से नहीं डरना है। हर लड़की थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। - निहारिका
  • प्रत्येक लड़की को समझ लेना चाहिए कि पुलिस में निचले स्तर पर आपकी सुनवाई नहीं हो रही है तो वरिष्ठ अधिकारियों के नंबर पता करके शिकायत करें। - शिखा