अमर उजाला अपराजिता कार्यक्रम में मनोचिकित्सक डॉ. सोना कौशल गुप्ता ने दिए महिलाओं को तनावमुक्त रहने के टिप्स महिलाओं में बड़ी समस्या बनता जा रहा किचन स्ट्रेस, तनाव का महिलाओं के व्यवहार पर पड़ रहा असर
देहरादून। बच्चा ठीक से खाना नहीं खाता। आज ऐसा क्या बनाएं जो पौष्टिक और उसकी पसंद का हो। पति को जल्दी दफ्तर के लिए निकलना है, तुरंत क्या नाश्ता तैयार किया जाए। यह ऐसे सवाल हैं, जो रोजाना महिलाओं के सामने आते हैं। किचन की व्यवस्थाओं से जुड़े ऐसे सवालों के चलते महिलाएं किचन स्ट्रेस की शिकार बनती जा रही है। इससे महिलाओं के व्यवहार पर भी असर पड़ रहा है।
बुधवार को कैनाल रोड स्थित मिनिस्ट्री ऑफ क्लब में आयोजित अमर उजाला अपराजिता कार्यक्रम में मनोचिकित्सक डॉ. सोना कौशल गुप्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिस घर में महिलाएं खुश रहती हैं, वहां पूरा परिवार तनावमुक्त रहता है। खुश महिला अपने पति और बच्चों को भी तनावमुक्त रखती हैं। उन्होंने कहा कि किचन स्ट्रेस ऐसी समस्या है, जिसका महिलाओं को कई बार पता तक नहीं चलता।
गायिका डॉ. सोनिया आनंद रावत ने बताया कि संगीत भी तनावमुक्त रहने में आपकी मदद करता है। महिलाएं अपने पसंद का संगीत सुनकर तनाव कम कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिला अगर तनावमुक्त होती है तो इसका असर पूरे परिवार पर दिखता है। मिनिस्ट्री ऑफ क्लब की ओनर सुनीता गुप्ता ने कहा कि तनावमुक्त रहने के लिए वह काम करना चाहिए जो आपको खुशी देता हो। आयुषी गुप्ता ने कहा कि बच्चे अगर मां का किचन में हाथ बंटाएं तो काफी हद तक उनका तनाव कम हो सकता है।
इन्होंने भी रखे विचार
कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता कमला थापा, पूर्व प्रधान गोदावरी थापली, आशा आनंद, पूर्व प्रधान अनारवाला निर्मला थापा, गोरखाली सुधार सभा की मीडिया प्रभारी प्रभा शाह, आकाश गुप्ता, जिज्ञासा उनियाल और असलम अली ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने तनाव को लेकर विशेषज्ञों से सवाल भी पूछे।
डेंगू से बचाव को किया जागरूक
डॉ. सोनिया आनंद ने महिलाओं को डेंगू से बचाव के प्रति भी जागरूक किया। उन्होंने कहा कि इन दिनों डेंगू का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ गया है। इसलिए परिवार को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी महिलाओं की है। किचन में सफाई रखें और पानी इकट्ठा न होने दें।
किचन स्ट्रेस के लक्षण
ऐसे करें किचन स्ट्रेस से बचाव
किचन में क्रिएटिव और इनोवेटिव बनें।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.