एक साल के भीतर नई बटालियनों में होंगी महिला कर्मचारी
कोलकाता। संकट में फंसे लोगों को बचाने के काम में अब महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम कर सकेंगी। केंद्र सरकार ने 2018 में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) बटालियनों में महिला दलों को भी शामिल करने का प्रस्ताव रखा था। एनडीआरएफ एक साल के भीतर अपनी नई बटालियनों में महिला कर्मचारियों को भी शामिल करेगा।
एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया कि पहले महिला कर्मचारियों के लिए बैरक और दूसरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। लेकिन अब यह समस्याएं दूर हो गई हैं। हम महिलाओं को शामिल कर सकते हैं। प्रधान नदिया जिले के हरिणघाटा में एनडीआरएफ की दूसरी बटालियन के मुख्यालय परिसर के उद्घाटन के लिए यहां आए थे। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि चार नई बटालियनों के लिए एक तय संख्या में महिलाओं को शामिल किया जाए। एक साल के भीतर यह काम हो जाएगा। एनडीआरएफ के पास पहले से ही 12 बटालियनें हैं। उनमें चार और बटालियनें जुड़ जाएंगी। उनको जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तैनात किया जाएगा। प्रस्तावित चार बटालियनों में से प्रत्येक में 1150 कर्मचारी होंगे। इनको असम राइफल्स, इंडो-तिब्बत पुलिस फोर्स (आईटीबीपी) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से लिया जाएगा।
हरिणघाटा में 64 एकड़ में बने नए मुख्यालय परिसर से आधारभूत ढांचा और मजबूत हो जाएगा। एनडीआरएफ का गठन साल 2006 में किया गया था। यह बल प्राकृतिक व मानवजनित आपदाओं या गंभीर परिस्थितियों के दौरान राहत व बचाव कार्यो में अहम भूमिका निभाता है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.