उनकी जिंदगी की रियल कहानी के बारे में विस्तार से जान पाएंगे।
गणित और साइंस के क्षेत्र में हमेशा महिलाओं को कमतर आंका जाता है। आज भी अधिकांश माता-पिता इस पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं कि लड़कियों के लिए विज्ञान और गणित कठिन विषय होते हैं। साथ ये बात काफी निराशाजनक है कि भारतीय महिला वैज्ञानिकों और उनके योगदानों के बारे में अपने देश के ही लोग कुछ ज्यादा नहीं जानते हैं।
हाल ही में शंकुतला देवी नाम की फिल्म आई। इस फिल्म में महिला गणितज्ञ की कहानी है। शकुंतला देवी ने बहुत ही छोटी उम्र से अपनी काबिलियत और दिमाग से दुनिया में तहलका मचाया। गणित के सवाल हल करने में कंप्यूटर और कैलकुलेटर को मात देने के चलते उन्हें पूरे विश्व में अलग पहचान मिली और उन्हें दुनिया में मैथ जीनियस के नाम से जाना गया। शकुंतला का नाम इसी रफ्तार के लिए गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी दर्ज है।
बहुत से युवा लोगों, खासकर विद्यार्थियों से मैंने जानना चाहा कि वो ह्यूमन कैलकुलेटर शकुंतला देवी के बारे में क्या और कितना जानते हैं? लेकिन हैरानी हुई कि कोई एक भी युवा/छात्र ऐसा नहीं मिला, जो शकुंतला देवी के नाम से भी परिचित था। तभी एक छात्र ने गूगल करके बोला...अरे, ये तो देश की ही नही, दुनिया की भी मशहूर मैथ्यमेटिशन (गणितज्ञ) हैं।
चलिए, गूगल और फिल्म ने शंकुतला देवी को जानने का मौका आज की पीढ़ी को दिया। वैसे मैं यहां यही सलाह देना चाहूंगी कि स्कूलों में महिला वैज्ञानिकों की उपलब्धियों के बारे में अधिक जानकारियों के माध्यम से जागरूकता लाकर लोगों खासकर लड़कों के पूर्वाग्रहों को समाप्त किया जा सकता है। साथ ही लड़कियों को भी देश की ऐसी महान विभूतियों के बारे में बताकर उन्हें प्रेरित करना चाहिए। इसके लिए कक्षाओं में परिचर्चा और परियोजना कार्य के साथ-साथ पाठ्यक्रम में महिला वैज्ञानिकों के योगदान को शामिल करना उपयोगी हो सकता है।
फिल्म बनाने का मकसद फिल्म शकुंतला देवी को बनाने के पीछे इसकी निर्देशिका अनु मेनन की मकसद यही रहा होगा कि लोग जानें कि लड़कियां/महिलाएं भी गणित पढ़ सकती हैं, उसमें इंटेलीजेंट हो सकती हैं और इस विषय में आगे बढ़कर देश-दुनिया के लिए कई अहम काम कर सकती हैं।
तो लड़कियों को यही सलाह कि शकुंतला देवी की तरह आगे बढ़ें और गणित के क्षेत्र की ऊंचाइयों को छुएं। हां, फिल्म को कामयाब बनाने के लिए इसमें कई मसालों का छोंक लगा है, इसलिए गूगल पर शकुंतला देवी टाइप करेंगे तो उनकी जिंदगी की रियल कहानी के बारे में विस्तार से जान पाएंगे।
क्या है फिल्म शकुंतला देवी की कहानी...
कर्नाटक के मैसूर में जन्मीं शकुंतला देवी की कहानी शुरू होती है उनके बचपन से, जहां खेल-खेल में उनके भाई को पता चलता है कि शकुंतला मन ही मन में बड़े से बड़े कैलकुलेशन का तपाक से उत्तर दे देती है। पारिवारिक हालत ठीक नहीं होने से शकुंतला की बड़ी बहन का देहांत हो जाता है, जिससे शकुंतला को सदमा पहुंचता है और वह मन में ठान लेती है कि जीवन में वह इतने पैसे कमाएगी कि कभी उसे किसी चीज की दिक्कत नहीं होगी। इसके बाद शकुंतला देवी की जीवन यात्रा शुरू होती है, जिसमें वह मैथ शो के जरिये लोगों का मनोरंजन करती है। शकुंतला की जिंदगी के साथ ही उसका मैथ शो भी समय के पहिया के साथ घूमता रहता है और शकुंतला बड़ी हो जाती है। बाकी अब आप इस फिल्म को देखो और बताओ कि आप भी बनना चाहोगी शकुंतला देवी की तरह।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.