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कभी हार न मानें महिलाएं, आगे बढ़ें

Published - Sun 09, Dec 2018

अमर उजाला ‘अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स’ के अभियान से जुड़ीं पहलवान सरिता मोर, रितु फोगाट और इंदु चौधरी

नोएडा। अपराजिता का अर्थ होता है कभी हार ना मानना। मुक्केबाज मैरी कॉम से बेहतर उदाहरण इसका कौन हो सकता है। शादी के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से वर्ल्ड चैंपियन बनीं। ये सीख देता है कि शिद्दत के साथ कोई भी काम किया जाए तो कामयाबी जरूरी मिलती है। अमर उजाला के अभियान ‘अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स’ के पोस्टर लांच के दौरान रेसलर सरिता मोर, रितु फोगाट और इंदु चौधरी ने ये बातें कहीं। शुक्रवार को सर्फाबाद स्टेडियम में आई सरिता मोर ने कहा कि कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है। बस उसको करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए। जरूरी नहीं कि हर बार कामयाबी मिले। हर असफलता से कुछ सीखने को मिलता है। उसके बाद अगली बार हम उस काम को और बेहतर करने का प्रयास करते हैं, जिंदगी में हार कभी नहीं माननी चाहिए। अमर उजाला का यह प्रयास बहुत सराहनीय है। इससे महिलाओं को शक्ति मिलेगी। हम सभी को अमर उजाला के अभियान से जुड़ना चाहिए। शुरुआत में लड़कियों से पहलवानी नहीं करवाते थे। लेकिन अब हरियाणा के घर-घर में लड़की पहलवान है। अमर उजाला के इस तरह के अभियान से महिलाओं को और मजबूती मिलेगी। कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता रितु फोगाट ने पोस्टर लांच के दौरान कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के साथ बेटे पढ़ाओ का स्लोगन  भी होना चाहिए। ताकि बेटे पढ़ें और उनकी महिलाओं के प्रति सोच बदल सके। मेरी बड़ी बहन बबीता और गीता के समय लोग सवाल करते थे कि लड़कियों से  पहलवानी कराओगे, लेकिन पापा ने हार नहीं मानी। किसी की नहीं सुनी। इसका नतीजा है कि आज हम इस स्थान पर हैं। इंदु चौधरी ने कहा कि लड़कियां बहुत मेहनती होती हैं। अगर अपनों का साथ मिल जाए तो हर कठिनाई को पार कर सकती हैं। मैंने एक दिन में 3 किलो तक वजन कम किया है। हर रोज 7 से 8 घंटे तक प्रैक्टिस करती हूं। इस दौरान कई बार डाइट को लेकर मन को मारना पड़ता है। लेकिन कामयाबी के आगे यह कुछ नहीं मायने रखता है। अमर उजाला का ये अभियान बहुत अच्छा है। मुझे इससे जुड़कर खुशी हुई है।