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अपने सपनों से न करें समझौता: श्वेता डागर

Published - Sun 09, Dec 2018

अमर उजाला के ‘अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स’ अभियान से जुड़ीं मिसेज इंडिया वर्ल्डवाइड फर्स्ट रनरअप

shweta dagar

ग्रेटर नोएडा। डॉक्टर की जॉब और दो बच्चों के होते हुए अपने सपनों को पूरा करते हुए वियतनाम में मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड-2017 फर्स्ट रनरअप का  खिताब जीतने वाली श्वेता डागर भी स्त्रियों को अपने सपनों से समझौता न करने की बात कहती हैं। एडब्ल्यूएचओ सोसाइटी स्थित अपने निवास पर अमर उजाला के ‘अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स’ ​अभियान का पोस्टर लांच करते हुए उन्होंने समाज से स्त्रियों को उनका हक देने की बात कही।       
साहिबाबाद, गाजियाबाद के गांव सिकंदरपुर की बेटी श्वेता डागर दिलशाद गार्डन दिल्ली से 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेडिकल की तैयारी में जुट गईं और चार वर्ष तैयारी के बाद 2003 में चयन होने के बाद आईटीएस मुरादनगर से बीडीएस किया। इसके बाद शादी और नौकरी की व्यस्तता के बीच 2017 तक नहीं निकल सकीं। श्वेता बताती हैं कि ग्रामीण परिवेश और झिझक होने के चलते उस वक्त तो अपने सपनों को उड़ान नहीं दे सकीं, लेकिन  मिसेज इंडिया का एक मौका सामने आया तो अपने सपनों को पूरा करने में जुट गईं और वियतनाम में हुए ग्रांड फिनाले में मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड फर्स्ट रनर अप का खिताब झटक लिया। श्वेता अमर उजाला के अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स अभियान की तारीफ करते हुए कहती हैं कि इस तरह के अभियान से ही समाज में जागरूकता का संचार होगा और लड़कियों को उनका वास्तविक हक मिलेगा। अमर उजाला न सिर्फ शिक्षा बल्कि लड़कियों की सुरक्षा के लिए जागरूक कर रहा है साथ ही समाज की गलत सोच को भी बदलने का कार्य कर रहा है। उनका कहना है कि स्त्रियों को किसी भी स्थिति में साहस नहीं छोड़ना चाहिए और प्रयास करते रहना चाहिए।