एनसीसी ज्वाइन कर बढ़ा आत्मविश्वास, कहना करनी है देश सेवा
गाजियाबाद। एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) अनुशासन और प्रशिक्षण से तैयार हुई ऐसी 'फोर्स' है जो सामाजिक और आपात स्थिति में देश के काम आती है। युवा इससे जुड़कर न केवल समाज सेवा कर रहे हैं बल्कि अपना करियर भी बना रहे हैं। स्कूल और कॉलेज के दौर में खाकी वर्दी में तैयार हो रहे कैडेट्स में देश का सुनहरा भविष्य छिपा है। कई बड़े अधिकारी और नेता कैडेट्स रहे हैं। एनसीसी ज्वाइन करने में लड़कियां लड़कों से पीछे नहीं हैं। इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।
एनसीसी सेना में जाने का एक सुनहरा माध्यम है। एनसीसी कैडेट्स को हर आपात स्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है। एनसीसी कैडेट्स ने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में सेना की मदद की थी। इसके बाद से ही एनसीसी का चलन बढ़ा। युवाओं एनसीसी में शामिल होने का उत्साह रहता है। इसमें गर्ल्स कैडेट्स भी पीछे नहीं है। कैडेट पारुल बताती हैं कि एनसीसी में शामिल होेने के बाद से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। एनसीसी के साथ-साथ खेलों में भी प्रतिभाग कर सकते हैं। महंगे खेलों का खर्च भी एनसीसी उठाती है। इनमें से जैसे शूटिंग, वेटलिफ्टिंग आदि। एनसीसी हर कैंप का आयोजन कराती है। इसमें सभी अंतर्राज्यीय कैडेट्स शामिल होकर एकता का गुण सीखते है। एनसीसी कैडेट्सों को हर साल गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का मौका मिलता है। इसके लिए चयन प्रक्रिया है।
इस तरह होते हैं एनसीसी में शामिल
एनसीसी में शामिल होने के लिए आपको ऐसे स्कूल में दाखिला लेना होगा, जहां पर एनसीसी का संचालन हो। इसके लिए जूनियर और सीनियर वर्ग हैं। जूनियर वर्ग में दाखिल कक्षा नौ के छात्रों से शुरू होता है। सीनियर वर्ग में 11वीं व ग्रेजुएशन में दाखिले होते हैं। आवेदक का शारीरिक व चिकित्सीय रूप से स्वस्थ होना चाहिए।
कैरियर में फायदे
विदेश जाने का मौका
हर साल एनसीसी यूथ एक्सचेंज प्रोगाम के तहत चुनिंदा कैडेट्स को विदेश भेजा जाता है। इससे उन्हें वहां संस्कृति व सभ्यता समझने का मौका मिलता है।
कैडेट्स का कहना
मैं एनसीसी की दूसरी वर्ष की छात्रा हूं। हमेशा से देश की सेवा करने की चाह रही है। आर्मी में शामिल होकर देश सेवा करनी है। इसीलिए एनसीसी ज्वाइन की है। एनसीसी ने मुझे देश सेवा के साथ-साथ समाज सेवा का भी पाठ पढ़ाया है। समाज सेवा भी देश सेवा ही है। - आस्था रस्तोगी
राज्य स्तर खेलों व एनसीसी कैंपो में भाग ले चुकी हूं। शूटिंग भी करती हूं। शूटिंग में एनसीसी से पूरा सहयोग मिलता है। बरेली कैंट में कैंप भी कर चुकी हूं। एनसीसी की वजह से शूटिंग का सपना पूरा हो सका है, चूकि शूटिंग काफी महंगा खेल है। आर्मी में शामिल होकर देश सेवा करना है। - कीर्ति चौधरी
मैं एनसीसी की दूसरी वर्ष की छात्रा हूं। डिफेंस में कैरियर बनाना चाहती हूं। इससे देश की सेवा करूंगी। तो इसलिए एनसीसी ज्वाइन कर ली। सेना में शामिल होकर देश सेवा करनी है। एनसीसी ने मुझे झिझक को दूर करना सिखाया है। अब मुझे अपनी बात रखने में दिक्कत नहीं होती है। - प्रेरणा झा
गाजियाबाद में हो रहे अपराध से डर लगता था, लेकिन एनसीसी ने डर दूर किया हूं। मैं एनसीसी की तृतीय वर्ष की छात्रा हूं। मुझे जुनून है कि आर्मी में शामिल होकर देश सेवा करूं। एनसीसी ने मुझे आत्मविश्वास से मजबूत किया है, साथ ही अनुशासन सिखाया है। - पारुल सिंह
मैं एनसीसी की तृतीय वर्ष की छात्रा हूं। गाजियाबाद की रहने वाली हूं। मैने कई सारे कैंप किए हैं। हर कैंप से कुछ नया सीखा है। हमने सामाजिक कार्य भी किए हैं। एनसीसी से झिझक दूर हुई है। सेना में शामिल होकर देश सेवा करनी है। - मीनू कुमारी
एनसीसी पूरी करके फौज में जाना चाहती हूं। देश सेवा के लिए एनसीसी एक तैयारी है। एनसीसी करने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है। साथ ही समाज में अब हमें घबराहट नहीं होती है। पहले लोग क्या कहेंगें यही सोचना पड़ता था। अब ऐसा नहीं लगता है। - प्रिया
एनसीसी छात्राओं को आत्मविश्वास देता है। एनसीसी के बहुत से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, इनमें छात्राएं सेनाओं के ऑफिसर्स से मिलती हैं। उनके अंदर की झिझक दूर होती है। - शालिनी, एनसीसी सहायक/एएनओ
story by shubham garg
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.