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जबरदस्ती गर्भपात करवाना है कानूनी अपराध

Published - Thu 27, Jun 2019

महिलाओं पर होने वाली घरेलू हिंसा पर सरकार ने कानून बनाए है। यदि किसी महिला से किसी प्रकार की हिंसा हो तो वह कानून का सहारा ले सकती है। जबरदस्ती गर्भपात करवाना कानूनी अपराध है। आरोप सिद्ध होने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान किया है।

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घुमारवीं (बिलासपुर)। जबरदस्ती गर्भपात करवाना कानूनी अपराध है। आरोप सिद्ध होने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान किया है। वहीं, गर्भ में लिंग की जांच करने वाले डॉक्टर पर भी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। यह जानकारी खंड स्वास्थ्य शिक्षक सुरेश चंदेल ने अमर उजाला के अपराजिता कार्यक्रम के दौरान आशा वर्कर को संबोधित करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि महिलाओं पर होने वाली घरेलू हिंसा पर सरकार ने कानून बनाए है। यदि किसी महिला से किसी प्रकार की हिंसा हो तो वह कानून का सहारा ले सकती है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बताया कि यदि किसी गर्भवती महिला के गर्भ की लिंग जांच करवाकर कोई जबरदस्ती गर्भपात करवाने को कहे तो यह कानूनी अपराध है और इसके लिए लिंग जांच करने वाला डॉक्टर और करवाने वाले सभी दोषी माने जाएंगे। ऐसे व्यक्तियों के लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
चंदेल ने बताया कि गर्भपात तभी करवाया जा सकता है। जब बच्चा रहने से मां को या बच्चे को कुछ खतरा हो तो डॉक्टर की सलाह से गर्भपात करवाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 0-6 वर्ष तक के बच्चों की दिसंबर 2018 के लिंग अनुपात को देखा जाए तो घुमारवीं खंड की 1000 लड़कों पर 958 लड़कियां हैं और यदि इसी तरह लड़कियों की जनसंख्या कम होती रही तो समाज के लिए यह घातक सिद्ध हो सकती है। चंदेल ने बताया कि महिलाएं आज भी समाज में शारीरिक, भावनात्मक, आर्थिक और यौन हिंसा की शिकार हो रही हैं। इसके लिए लड़कियों और महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है ताकि वे कानून का सहारा लेकर अपने आप को सुरक्षित कर सकें। उन्होंने ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में सरकार की ओर से बेटियों को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना चलाई है। जिसमें एक बालिका पर परिवार नियोजन का ऑपरेशन करवाने पर 35 हजार की एफ डी बेटी के नाम और दो बालिकाओं पर ऑपरेशन करवाने पर 25 हजार की एफ डी बेटियों के नाम की जा रही है ताकि लिंग अनुपात ठीक आ जाए।
आशा कार्यकर्ता संघ खंड घुमारवीं की प्रधान सोमा कपूर ने बताया कि आज भी समाज में महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं और हमें इसके लिए महिलाओं को कानून के प्रति जागरूक करने की जरूरत है।