बढ़ती वारदातों के कारण बेटियों को शिक्षित करना जरूरी
इन दिनों बेटियों के साथ छेड़छाड़, दुष्कर्म जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। इन घटनाओं से बचने के लिए आप अपनी बेटियों को कुछ सुरक्षा टिप्स दे सकती हैं। ये टिप्स उनको हिम्मत भी देंगे और सुरक्षा भी।
- बेटियों को सिखाएं कि कोई अजनबी पैसे देकर या निशुल्क किसी काम को करने और उस काम के बदले लुभावना ऑफर देता है, तो इंकार कर दें।
- किसी अजनबी से न तो कभी मिठाई, टॉफी, उपहार स्वीकार करें न ही कभी सिनेमा आदि जाने आदि का न्योता स्वीकार करें।
- यात्रा के लिए सार्वजनिक वाहन का प्रयोग करें। मदद के नाम पर लिफ्ट देने की पेशकश करने वाले अजनबी के साथ न बैठें।
- यदि कोई अजनबी आपको कार में बैठने के लिए दबाव डाले तो शोर मचाएं और मौके से भागें। सुरक्षित दूरी से कार का नंबर नोट करें और अपने टीचर, माता-पिता या पुलिस को बताएं।
- बेटियों से कहें कि वह अपने माता-पिता को हमेशा यह जानकारी दें कि वह कहां और किसके साथ हैं, उनका नाम और मोबाइल नंबर भी माता-पिता को दें।
- सोशल मीडिया पर अगर कोई अजनबी लुभावने वादे कर रहा है, तो बेटियों को समझाएं कि उनक चक्कर में न आएं और अजनबी को ब्लॉक कर दें।
- बेटियों के पास हमेशा उनका पहचानपत्र और फोन होना चाहिए। अगर बेटी छोटी है, तो उसको अपना पूरा नाम, पता और फोन नंबर लिखना या बोलना सिखाएं।
- बच्चों को बताएं कि वह दरवाजे पर आए किसी व्यक्ति को या फोन पर ये न बताएं कि वह घर में अकेले हैं।
- बच्चों को बताएं कि वह एक-दूसरे की निगरानी करें और कोई संदिग्ध या आसमान्य होने पर आपको जानकारी दें।
- बच्चे जहां खेलते हैं वहां अगर कोई संदिग्ध घूमता है, तो बच्चों को समझाए कि किसी अजनबी के होने की जानकारी परिवार या पुलिस को दें और उसकी बातों में न आएं।
- अपने भरोसेमंद पड़ोसी से कहें कि आपकी अनुपस्थिति में किसी इमरजेंसी या खतरा होने पर आपके बच्चों को अपने घर में सुरक्षित पनाह दें। पड़ोसी से अपनी ओर से भी ऐसी पेशकश करें।
- हर बच्चे को जानना चाहिए कि पुलिस उनकी मित्र है और उसे वह उनकी वर्दी से पहचान सके, और यह भी जाने कि बच्चे के घबरा जाने पर या खो जाने पर पुलिस उसकी मदद करेगी।
- बच्चों को दोस्तों के संग खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्हें किसी भी हालत में सुनसान जगहों या खाली इमारतों में खेलने नहीं देना चाहिए।
अभिभावकों को हमेशा पता होना चाहिए कि उनके बच्चे कहां हैं। अभिभावकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चों की देखरेख करने वाले पहचान के और भरोसेमंद हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.