कुछ भी पीने के तुरंत बाद पेशाब आना एक रोग हो सकता है। खासतौर पर महिलाओं में इसकी समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। पेशाब पर नियंत्रण न रखना भी इसके लक्षणों में से एक है।
कुछ भी पीने के तुरंत बाद पेशाब आना एक रोग हो सकता है। खासतौर पर महिलाओं में इसकी समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। पेशाब पर नियंत्रण न रखना भी इसके लक्षणों में से एक है। सफदरजंग अस्पताल में इस तरह के मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में 35 से 50 वर्ष की आयु की महिलाएं ज्यादा आ रही हैं। गुरुवार को वल्र्ड कॉन्टिनेंस वीक के तहत अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. पवन वासुदेव ने बताया कि यह क्षमता किसी महिला के मां बनने, बढ़ती उम्र आदि वजहों से कमजोर हो सकती है। ऐसी महिलाओं के कुछ भी पीने से उन्हें पेशाब के लिए भागना पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनियाभर में हर तीन में से एक महिला को इनकॉन्टिनेंस रोग की परेशानी है। जबकि पुरुषों में यह आठ में से एक है। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। इसकी वजह से उसकी सेहत तो खराब होती ही है, समाज में शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ता है। इसीलिए अगले माह जुलाई से सफदरजंग अस्पताल में विशेष क्लिनिक भी शुरू होने जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की परेशानियों का उपचार की सुविधा वहां ली जा सकती है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.