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बुर्का उतारा, शहर बदला और ऐसा रैप गाया कि क्रांति ला दी

Published - Mon 16, Mar 2020

 रैप सिंगर सोफिया अशरफ की तस्वीरों को अगर आप इंटरनेट पर खंगालेंगे तो उनका अंदाज देखकर आपको बिलकुल भी नहीं लगेगा कि इन्होंने अपने जीवन के 22 साल बुर्के में बिताए हैं।

रैप सिंगर सोफिया अशरफ की तस्वीरों को अगर आप इंटरनेट पर खंगालेंगे तो उनका अंदाज देखकर आपको बिलकुल भी नहीं लगेगा कि इन्होंने अपने जीवन के 22 साल बुर्के में बिताए हैं।

छोटे कटे बाल, शरीर पर सजे टैटू, बिंदास गायकी से दुनिया बदलने का जज्बा...ये सब उस सोफिया अशरफ का बदला रूप है, जो कभी एक इस्लामिक समूह के साथ गाती थीं। चेन्नई  के परंपरागत मुस्लिम परिवार की सोफिया अशरफ ने अचानक एक दिन बुर्का उतार दिया। शहर बदल लिया और परंपराओं को छोड़कर जैसा दिल दिल ने कहा, वैसा ही किया। उन्हें स्क्रिप्ट राइटर की नौकरी मिल गई। उन्हें रैपर बनने का भी शौक था। उनकी मेहनत रंग लाने लगी और धीरे-धीरे यह तमिल रैपर अपनी पहचान भी बनाने लगीं। 
इसी बीच, सोफिया अशरफ ने अपनी सिंगिग के जरिये एक अविस्मरणीय कार्य किया, जो आज भी जन-जागरण के रूप में एक मिसाल है। अपने रैप गीत  'कोडइकेनल वोंट' के माध्यम से सोफिया ने कोडइकेनल मे मल्टीनेशनल कंपनी, ‘यूनीलीवर’ द्वारा लगाए जा रहे मरक्यूरी प्लांट का विरोध किया था। 
दरअसल, साल 1982 से 2001 तक कोडइकेनल में एक थर्मोमीटर बनाने वाली कंपनी थी ‘यूनीलीवर’। ये कंपनी 2001 में बंद हो गई थी, क्योंकि लोगों ने इसका जमकर विरोध किया था। ये कंपनी बेकार मर्करी(पारा) को अपनी फैक्ट्री के पीछे बने एक जंगल में फेंक दिया करती थी। फेंकी गई मर्करी से हुए विस्फोट से 15 जानें चली गई थीं और 600 लोग घायल हुए थे। लेकिन कंपनी ने इन मौतों की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया था। ऐसे में सोफिया ने एक रैप गीत लिखा और उसे गाते हुए वीडियो तैयार किया। वीडियो में सोफिया ने पूंजीपतियों को स्पष्ट मेसेज देते हुए कंपनी को आड़े हाथ लिया था। इस वीडियो में रैपर ने मृतक परिवारों का दर्द बयां किया था। झटका नाम की कैंपेनिंग ऑर्गेनाइजेशन ने इस वीडियो को शेयर किया था। हॉलीवुड की मशहूर सिंगर-रैपर निकी मिनाज के 'एनाकोंडा' गीत की ट्यून पर गाया सोफिया का रैप खूब वायरल हुआ था। 

ए.आर. रहमान के लिए भी रैप लिखा
कामयाब रैपर होने के बाद भी सोफिया खुद को पहले लेखक ही मानती हैं। उन्होंने ए.आर. रहमान के लिए भी रैप लिखा। साल 2008 में सोफिया ने 'डोन्ट वर्क फॉर डाउ' रिलीज किया था। इस गाने में 1984 में हुई भोपाल गैस ट्रेजेडी के विक्टिम्स को मुआवजा ना दिए जाने की आलोचना की गई थी। 

सेनिटरी नैपकिन्स पर साधा था निशान
सोफिया ऐसी इंडस्ट्रीज पर फोकस करते हुए रैप करती हैं, जो मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स का कचरा साफ करने में नाकाम रहते हैं। सोफिया का मेंस्ट्रुएशन हेल्थ को लेकर भी एक दिलचस्प वीडियो के देखने को मिला, जिसमें बताया कि सेनिटरी नैपकिन्स से कितने बड़े लेवल पर कचरा फैल रहा है। इस वीडियो में उन्होंने महिलाओं को पीरियड्स में पैड्स, टैंपोन्स और कप यूज करने के विकल्प दिए और वो तरीका अपनाने को कहा, जो उन्हें ज्यादा सूट करता हो।

Story by - Sunita Kapoor