देखिए, किस तरह किन्नर ने बताया कि बेटियां भी बेटों से कम हीं
बधाई हो बधाई आपके घर राजा बेटा पैदा होगा, शाहरुख चाहिए या सचिन..... क्यों बेटी होगी तो बधाई नहीं दोगी क्या? बेटी हो या बेटा इससे फर्क नहीं पड़ता, जो भी हो सब ठीकठाक हो जाए, दोनों स्वस्थ रहें, समझी। एक महिला द्वारा उसकी गर्भवती बहू को बधाई देने आए किन्नरों को दिए गए इस जवाब का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
कुछ मिनट का यह वीडियो दिल को अंदर तक झकझोर देता है। वीडियो के दूसरे हिस्से में बेटी के जन्म होने पर दोबारा किन्नरों के आने पर महिला बोलती है, राजा बेटा नहीं, रानी बेटी हुई है, तुम्हारी किस्मत अच्छी है लो ज्यादा शगुन। इतना सुनते ही किन्नर कहता है कि किस्मत मेरी नहीं आपकी बहू की अच्छी है, जिसे आपके जैसी सास मिली है, मैं आज शगुन लेने नहीं देने आई हूं। इतना कहते हुए किन्नर अपने पास से कुछ रुपये निकालकर नवजात के हाथ में रखते हुए उसकी मां से कहती है, बोल देना मौसी ने दिया है, कुछ अच्छा से खरीद देना इसके लिए। इस पर सास कहती है कि बेटी को शगुन तुम खुद अपने हाथों से दे दो।
बेटा होगा या बेटी इस अंर्तद्वंद्व के साथ शुरू होता है वीडियो
तकरीबन सवा 2 मिनट के वीडियो की शुरुआत गर्भवती बहू के पसोपेश में होने से शुरू होती है। बहू अपनी सास के साथ जन्म लेने वाले बच्चे का नाम क्या रखना है, इसे लेकर चर्चा करती दिखती है। इस दौरान बहू तनाव में है कि उसे लड़का पैदा होगा या लड़की। इसी बीच बहू के गर्भवती होने की खबर सुनकर कुछ किन्नर बधाई लेने उसके घर आ जाते हैं। वे सास से कहते हैं कि राजा बेटा होगा, जिस पर सास उन्हें टोकते हुए बोलती है कि क्यों, बेटी होगी तो दुआएं नहीं दोगी। किन्नर वापस चले जाते हैं। डिलेवरी के बाद किन्नर फिर आते हैं, दरवाजा खोलते ही वह बोलते हैं कि मुबारक हो राजा बेटा आया है, तभी बुजुर्ग महिला उन्हें टोकते हुए बोलती है कि 'राजा बेटा नहीं, रानी बेटी आई है।' इस पर किन्नर बधाई लेने से मना कर देते हैं, तो सास का क्या रिएक्शन होता है वह देखिए इस वीडियो में। दिल को छू लेने वाला यह वीडियो उन परिवारों पर चोट है, जो बहू के गर्भवती होते ही बेटा होने के सपने संजोने लगते हैं। यह वीडियो संदेश देता है कि बेटियां भी बेटे से कम नहीं हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.