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बच्चों याद रखना, नशा देने वाला दोस्त नहीं हो सकता

Published - Sat 13, Jul 2019

नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर पुलिस की पाठशाला में एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने विद्यार्थियों को दिए टिप्स

aparajita haldwani ssp suneel kumar meeda

हल्द्वानी। एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने कहा कि नशे की पहली डोज मुफ्त में मिलती है। शुरूआत में आपका दोस्त ही आपको नशा उपलब्ध कराएगा। नशा देने वाला कभी आपका दोस्त नहीं हो सकता। वह आपको भविष्य में नशे का ग्राहक बना रहा है। आप कब नशे की गर्त और अपराध की दुनिया में धंसते चले गए, आपको पता भी नहीं चलेगा।
सिंथिया स्कूल में नशा मुक्ति निबंध प्रतियोगिता के दौरान आयोजित पुलिस की पाठशाला में एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने कहा कि 13 से 19 साल की उम्र सबसे संवेदनशील उम्र होती है। घर के आसपास खेलने कूदने का स्थान उपलब्ध नहीं होने से बच्चे मोबाइल और टीवी तक सीमित हो रहे हैं। ऐसे में नशे जैसी बुराइयों से बचाने में अभिभावकों के साथ ही शिक्षकों की भूमिका अहम है।

ये दिए सुझाव:

  • बच्चों को कानून से जुड़ी व्यावहारिक जानकारी देने के लिए थाने की विजिट कराएं।
  • बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ ही नियमित तौर पर स्कूल बैग चैक हों।
  • पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 और महिला अपराध से जुड़ी शिकायत के लिए 1908 नंबर डायल करें।
  • बच्चों और अभिभावकों के बीच दोस्ताना व्यवहार विकसित करने की जरूरत है।

बच्चों के सवाल और एसएसपी के जवाब

  • नशे के आदी लोगों का व्यवहार हिंसक होता है, ऐसे लोगों पर कैसे काबू करें - कृति अग्रवाल

नशे के आदी लोगों से उलझिए मत, सबसे पहले उस व्यक्ति के परिजनों को बताइये। अगर वह आपका सहपाठी है तो शिक्षकों को भी जानकारी दें।

  • घर के आसपास और सार्वजनिक स्थानों पर भेजने में मां-बाप हिचकते हैं, ऐसे में क्या करें - सुप्रिया रॉय

सामाजिक तानाबाना कमजोर होने की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है। अत्यधिक फिक्र और डर की वजह से अभिभावक ऐसा करते है।

  • आईपीएस बनकर समाज की सेवा करनी है मार्गदर्शन करें - गुंजन जोशी

पुलिस सेवा में चार स्तर पर इंट्री ली जा सकती है। सीधी भर्ती के माध्यम से कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर और यूपीएससी द्वारा आयोजित आईपीएस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

  • कई घरों में मां-बाप दोनों की नौकरीपेशा होते हैं। अभिभावक बच्चों से बड़ी-बड़ी अपेक्षा करते हैं, क्या करें  - दीक्षा

अभिभावक अपनी इच्छाएं बच्चों पर थोपते हैं जो सरासर गलत है। बच्चे की प्रतिभा को देखते हुए प्रोत्साहित करना चाहिए। किसी भी उलझन की स्थिति में परिवार के दूसरे सदस्यों से भी राय ले सकते हैं।

निबंध में केवीएम की रिया कालाकोटी ने बाजी मारी
हल्द्वानी। अमर उजाला की अपराजिता:100 मिलियन स्माइल्स मुहिम और नैनीताल पुलिस के संयुक्त आयोजन में बुधवार को सिंथिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित ‘नशा: समस्या और समाधान’ विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता में केवीएम स्कूल की छात्रा रिया कालाकोटी ने पहला पुरस्कार जीता। दूसरे स्थान पर बियरशिवा स्कूल के छात्र आशीष भंडारी तथा तृतीय स्थान जीजीआईसी हल्द्वानी की छात्रा उन्नति चंद ने पाया। वहीं, वुडलैंड स्कूल की छात्रा अंजलि पोखरियाल चौथे और क्वींस स्कूल की छात्रा दिव्या बिष्ट पांचवां स्थान प्राप्त किया।
 विजेताओं को एसएसपी सुनील कुमार मीणा, एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव, सिंथिया स्कूल के प्रधानाचार्य प्रवींद्र कुमार रौतेला और वरिष्ठ पत्रकार तारा चंद्र गुरुरानी ने प्रतीक चिन्ह और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। विभिन्न स्कूलों के 20 शिक्षक- शिक्षिकाओं ने निबंध लेखन प्रतियोगिता की कापियों के मूल्यांकन कार्य में जज की भूमिका निभाते हुए एक घंटे के भीतर ही परिणाम तैयार किया। इससे पूर्व सिंथिया स्कूल के प्रधानाचार्य प्रवींद्र कुमार रौतेला ने मुख्य अतिथि एसएसपी सुनील कुमार मीणा, एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव, रोटरी क्लब के असिस्टेंट गवर्नर रमेश शर्मा, पीएसए अध्यक्ष गोपाल बिष्ट, महासचिव कैलाश भगत, इंस्पिरेशन स्कूल के दीपक बल्यूटिया, पीएसए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल जोशी, दीक्षांत इंटरनेशनल के समित टिक्कू, गुरुकुल स्कूल के प्रधानाचार्य जेपी सिंह, सेंटलारेंस स्कूल की प्रधानाचार्या अनीता जोशी, काशीपुर के सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर अरविंद श्रीवास्तव को बुके देकर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों ने गणेश वंदना की प्रस्तुति के बाद स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

इन स्कूलों के बच्चों ने किया प्रतिभाग
बियरशिबा स्कूल, डॉन बॉस्को, डीपीएस लामाचौड़, यूनिवर्सल कॉन्वेंट, सिंथिया स्कूल, शिवालिक इंटरनेशनल, डीएवी स्कूल, राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय राजपुरा, जीजीआईसी बनभूलपुरा, श्रीगुरु तेग बहादुर, नैनी वैली, एमबी इंटर कॉलेज, ललित आर्य महिला कॉलेज, द मास्टर्स स्कूल, जिम कॉर्बेट स्कूल, चिल्ड्रंस एकेडमी, दून पब्लिक स्कूल, जेडीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गुरुकुल इंटरनेशनल, जीजीएचएस गांधीनगर, ओरम स्कूल, एसवीएम इंटर कालेज, जीजीआईसी हल्द्वानी, वुडलैंड्स स्कूल, दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल, द हैरीटेज स्कूल, खालसा नेशनल गर्ल्स इंटर कालेज, केवीएम, बीएलएम एकेडमी, दीप्ति पब्लिक स्कूल, हिमालयन पब्लिक स्कूल, क्वींस पब्लिक स्कूल, सेंट थेरेसा स्कूल, केजीएम, नगर निगम इंटर कालेज काठगोदाम, एसेंट पब्लिक स्कूल, सेंट लारेंस, जीआईसी राजपुरा, निमोनिक कान्वेंट स्कूल, रैनबो स्कूल।

इन्होंने किया सहयोग
सिंथिया स्कूल के एकेडमिक कोआर्डिनेटर बीबी जोशी, अश्विनी सारस्वत, आईडी जोशी, बीसी सती, पुष्कार सिंह, भूपेंद्र सिंह, मीना राना, नीतिश राज के अलावा अन्य स्कूलों के जीएस रावत, हिमानी जोशी, गोपाल बिष्ट, रमा पांडे, सुमन बुधलाकोटी, नेहा रावत, आशा गुप्ता, दया, भारती भट्ट, डीके मिश्रा, अनुपमा पांडे,  प्रकाश चंद्र डूंगरकोटी, कल्पना टम्टा, हर्षिता वोहरा, धैर्य प्रकाश, प्रमोद जोशी, हेमा पाठक, कैलाश चंद्र, कविता कार्की, दीप्ति जोशी, सीता कोली, अनुज गंगवार, आशा बिष्ट, यतीश तिवारी, अंजू शर्मा, राजेश खत्री, सीमा, इंदू भट्ट, डॉ. तजिंदर कौर, सुचिता, सरिता भट्ट, परवीन खान, सूरज गोस्वामी, नीरज भट्ट, चंद्रकला रौतेला, जे. मेहरा, ममता पांडे, शत्रुघ्न कामट, प्रशांत चौधरी,गार्गी, सिस्टर शीला, मधुमिता दास, रश्मि भट्ट, अंजू शर्मा, निशा पांडे आदि टीचर्स ने सहयोग किया।

निबंध प्रतियोगिता में बच्चों ने लिखा:

  • प्रथम पुरस्कार पाने वाली केवीएम की छात्रा रिया कालाकोटी ने लिखा कि शुरूआत में शौक- शौक में नशे के आदी बनते हैं लेकिन बाद में नशा जिंदगी की खुशियां छीन लेता है। युवाओं में नशा अब शराब और सिगरेट तक ही सीमित नहीं रह गया है। ...औरों से नहीं खुद से लड़ रहा है, नशे का वह दोस्त जो बन रहा है।
  • दूसरे स्थान पर रहे बियरशिवा स्कूल के आशीष भंडारी ने लिखा कि वर्तमान में चरस, गांजा, अफीम, हिरोइन, स्मैक की लत युवाओं को दीमक की तरह खोखला कर रही है। सुझाव दिया है कि सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रमों पर ध्यान दिया जाए।
  • तीसरे स्थान पाने वाली जीजीआईसी हल्द्वानी की उन्नति चंद ने शिक्षा की कमी, खुलेआम नशीले पदार्थों की बिक्री, स्कूल में संगति और सोशल मीडिया में विज्ञापनों को नशाखोरी बढ़ाने में सहायक बताया है। सुझाव दिया है कि परिवार में मां-बाप और परिजनों के साथ बच्चों का स्वस्थ संवाद स्थापित हो।
  • चतुर्थ स्थान पर रही वुडलैंड स्कूल की छात्रा अंजलि पोखरियाल ने कहा है कि नशे से परिवार भी बर्बाद हो रहे हैं। सुझाव दिया है कि विविध सामाजिक संस्थाओं को नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
  • पांचवां स्थान पाने वाली छात्रा दिव्या बिष्ट ने आधुनिकता की होड़, सामाजिक तनाव और जागरूकता की कमी को कारण बताया है तथा नशे के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को नशाबंदी कानून लाने का सुझाव दिया।