पहला कदम
अगर व्यक्ति ठान ले तो कुछ भी कर सकता है। कुछ ऐसे ही जज्बे के साथ जिंदगी जी रहीं थीं तालिबान की नादिया गुलाम। जो बेहद क्रूर माने जाने तालिबान शासन को 10 साल तक धोखा देतीं रहीं और जब मौका मिला तो देश छोड़कर भाग निकलीं। आज वह सुरक्षित जिंदगी जी रहीं हैं।