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असाधारण उपलब्धि के लिए 'नारी शक्ति सम्मान'

Published - Thu 16, May 2019

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति करते हैं सम्मानित

nari shakti puraskar

नारी शक्ति सम्मान या पुरस्कार भारत द्वारा दिए जाने वाले राष्ट्रीय सम्मान की एक शृंखला है और यह असाधारण उपलब्धि के लिए व्यक्तिगत महिलाओं को प्रदान किया जाता है। यह सम्मान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छह श्रेणियों में दिया जाता है। यह कठिन परिस्थितियों में एक महिला की हिम्मत की भावना को पहचानता है, जिसने अपने निजी या व्यावसायिक जीवन में साहस की भावना स्थापित की है और महिलाओं के सशक्तीकरण और महिलाओं के मुद्दों को बढ़ाने में एक व्यक्ति के अग्रणी योगदान की भी पहचान है। यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक वर्ष नई दिल्ली में 8 मार्च को दिया जाता है। इस पुरस्कार में एक लाख रुपये और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। इस सम्मान की शुरुआत वर्ष 1999 में हुई थी।

सम्मान की छह श्रेणियां
इस सम्मान का नाम भारतीय इतिहास की प्रख्यात महिलाओं की स्मृति में रखा गया है और निम्न श्रेणियों में दिया जाता है।

- देवी अहिल्याबाई होल्कर सम्मान: 18वीं शताब्दी की मालवा शासिका के नाम पर यह सम्मान दिया जाता है।

- कण्णगी सम्मान: प्रसिद्ध तमिल स्त्री, कण्णगी के नाम पर यह सम्मान महिलाओं को दिया जाता है।

- माता जीजाबाई सम्मान् : वीर शिवाजी की माता, जिन्होंने 17वीं शताब्दी में मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। इनके नाम से भी महिलाओं को सम्मान दिया जाता है।

- रानी गाएदिनलिउ जेलियांग सम्मान: 20वीं शताब्दी की नागा आध्यात्मिक एवं राजनीतिक नेत्री, रानी गाएदिनलिउ जेलियांग के नाम से महिलाओं को सम्मान दिया जाता है।

- रानी लक्ष्मीबाई सम्मान : झांसी की रानी एवं स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर भी महिलाओं को सम्मान दिया जाता है।

- रानी रुद्रम्मा देवी सम्मान (पुरुष एवं स्त्रियों, दोनों के लिए): 13वीं शताब्दी की दक्षिण पठार की शासिका रुद्रम्मा देवी के नाम पर यह सम्मान महिलाओं को दिया जाता है।