कोरोना काल में सबसे अधिक दिक्कत कोरोना मरीजों को खाना-पानी देने की हो रही है। जैसे ही पता चलता कि व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव है, कोई आसपास भटकना नहीं चाहता। ऐसे में बिहार की इंजीनियरिंग छात्रा आकांक्षा ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो मरीजों तक आसानी से दवा, खाना-पानी पहुंचा सकेगा। उनके इस हुनर ही हर ओर तारीफ हो रही है।
नई दिल्ली। बिहार की इंजीनयरिंग छात्रा आकांक्षा ने एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो कोरोना मरीजों तक दवा, भोजन, पानी और ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करेगा। 20 वर्षीय आकांक्षा ने पिता योगेश कुमार के सहयोग से यह ‘मेडी-रोबोट’ बनाया। यह अस्पताल के साथ उन मरीजों के लिए भी बेहद कारगर सिद्ध होगा जो होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। आकांक्षा की इस खोज की हर तरफ तारीफ हो रही है। खुद कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी छात्रा की तारीफ की है। अपने हुनर की बदौलत आकांक्षा विश्वकर्मा पुरस्कार की रेस में शामिल हो गई हैं। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष किसी नई खोज करने लिए के लिए भारत सरकार की ओर से दिया जाता है।
स्वास्थ्य जांच करने में भी सक्षम
आकांक्षा की मानें तो यह रोबोट कई डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों का जीवन बचा सकेगा। यह मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति को दवा, भोजन, पानी और ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। यह खून में ग्लूकोज की मात्रा, ऑक्सीजन की मात्रा, हृदय गति, तापमान, रक्तचाप, वजन, ईसीजी की जांच करने में भी सक्षम है। रोबोट पर लगे कैमरे का उपयोग करके इसे 360 डिग्री तक घुमाया जा सकता है।
वीडियो चैट से मरीजों तक पहुंचाएगा डॉक्टरी सलाह
आकांक्षा के मुताबिक यह रोबोट क्यूआर कोड का उपयोग करके रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, कार्यालयों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने में भी मदद कर सकता है। इस तकनीक की मदद से डॉक्टर होम आइसोलेशन में भी मरीजों को ई-सलाह जारी कर सकते हैं।
कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने की तारीफ
कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस आविष्कार पर आकांक्षा की सराहना की है और उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। आकांक्षा भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के विश्वकर्मा पुरस्कार के फाइनल राउंड के लिए चयनित हो चुकी हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.