महज 21 साल की उम्र में ही केरल की रहने वाली आर्या राजेंद्रन ने मेयर बनकर इतिहास रच दिया है। वह देश की सबसे कम उम्र की मेयर बनी हैं। इसके लिए उन्हें हर तरफ से ढेरों बधाइयां और शुभकामनाएं मिल रही हैं।
नई दिल्ली। केरल की 21 वर्षीय आर्या राजेंद्रन देश की सबसे युवा मेयर बन गई हैं। उन्होंने हाल ही में तिरुवनंतपुरम नगर निगम के मेयर का पदभार संभाल लिया है। माकपा ने 25 दिसंबर को आर्या को मेयर बनाए जाने का फैसला लिया था। इसके बाद वह देश की सबसे कम उम्र की मेयर बन गई हैं। अभिनेता से नेता बने कमल हासन और उद्योगपति गौतम अडानी ने भी आर्या को मुबारकबाद दी।
बीएससी की हैं छात्रा
आर्या राजेंद्रन बीएससी (मैथ्स) की द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं और पार्टी की छला क्षेत्र समिति की सदस्य हैं। उनके पदभार ग्रहण करने के बाद पार्टी को उम्मीद है कि अब और शिक्षित महिलाएं नेतृत्व की भूमिका में सामने आएंगी। आर्या ने माकपा उम्मीदवार के तौर पर मुदवन्मुकल वार्ड से जीत हासिल की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार को 549 वोट से हराया। माकपा के दो संभावित मेयर उम्मीदवार स्थानीय निकाय के चुनाव में हार गए। इसके कारण पार्टी ने आर्या को मेयर बनए जाने का फैसला लिया था। आर्या राजेंद्रन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की प्रदेश समिति की सदस्य हैं और वाम दलों के छात्र शाखा के बालसंगम की प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
लोग मुझे पसंद करते थे
आर्या ने कहा, यह पार्टी का निर्णय है और मैं इसका पालन करुंगी। चुनाव के दौरान लोग मुझे पसंद करते थे क्योंकि मैं एक छात्रा हूं और लोग अपने प्रतिनिधि के तौर पर एक शिक्षित व्यक्ति को चाहते थे। मैं अपनी शिक्षा जारी रखूंगी और मेयर के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करुंगी। आर्या कहती हैं कि शुरू में मुझे लगा कि यह उनके कॉलेज के कुछ दोस्तों द्वारा किया गया प्रैंक है लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिवालय ने खुद फोन करके बताया कि पार्टी में उन्हें एक प्रतिष्ठित पद सौंपा जा रहा है, उन्हें तब यकीन हुआ। सीपीआई-एम की ओर से उन्हें बताया गया कि वह तिरुवनंतपुरम निगम की नई महापौर होंगी। एक मंजिल के मकान में रहने वाला आर्या का परिवार बेटी के महापौर चुने जाने के बाद से काफी खुश है।
राजनीति से रहा है नाता
आर्या के लिए मेयर की कुर्सी भले ही नई हो लेकिन राजनीति से उनका गहरा नाता रहा है। आर्या 6 साल की उम्र में पार्टी से जुड़े बच्चों के संगठन बाला संगम की सदस्य बन गई थीं। आर्या अब इस संगठन की प्रदेश अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही वे स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, पार्टी की युवा शाखा की पदाधिकारी भी हैं। आर्या एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। उनके पिता राजेंद्रन एक इलेक्ट्रीशियन हैं जबकि मां श्रीलता राजेंद्रन एलआईसी की एजेंट हैं।
कूड़ा प्रबंधन पहली प्राथमिकता
पदभार ग्रहण करने के बाद आर्या ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता प्रदेश की राजधानी का कूड़ा प्रबंधन करना है क्योंकि अगर शहर को स्वच्छ रखना है तो कूड़े का निपटारा बेहद जरूरी है। उन्होंने पहली बार स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान किया और मेयर भी बन गईं। यह उनके लिए दोहरी खुशी है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.