कामकाजी महिलाएं समय की कमी के कारण घर के बजाय बाहर का भोजन करती हैं, जिसमें जंकफूड, फॉस्टफूड होते हैं। संतुलित आहार की कमी भी बांझपन का बड़ा कारण है।
एक महिला के लिए मां बनना जीवन का सबसे सुखद अहसास होता है, लेकिन आजकल देखा जाता है कि महिलाएं जल्दी मां नहीं बन पातीं। अगर आपके परिवार में भी यह समस्या है, तो दोष आपका नहीं, महिला की जीवनशैली का है। भागदौड़ भरी जीवनशैली में न आराम का समय है, न खाने का। बस काम काम और काम। काम करना जीवन के लिए जरूरी है, लेकिन जरूरत से ज्यादा खुद को काम में उलझाए रखना उतना ही बुरा है। आजकल जिस तरह का वर्ककल्चर है, सिटिंग जॉब, घंटो कंप्यूटर पर आंख गड़ाए रखना, देर से खाना, देर से सोना इसका असर महिलाओं पर बेहद बुरा होता है। ऐसी जीवनशैली महिलाओं को मां बनने से रोकती हैं। बांझपन से बचने के लिए जीवनशैली में सुधार करना सबसे जरूरी है। खासकर कामकाजी महिलाओं को अपने ऊपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
आहार को संतुलित कीजिए
देखा जाता है कि कामकाजी महिलाएं समय की कमी के कारण घर के बजाय बाहर का भोजन करती हैं, जिसमें जंकफूड, फॉस्टफूड होते हैं। संतुलित आहार की कमी भी बांझपन का बड़ा कारण है। बांझपन को दूर करने के लिए उचित भोजन करना बहुत जरूरी है। ऑफिस में स्नैक्स आदि खाने के बजाय फल या सलाद को तवज्जो दें। देर से भोजन न करें। ज्यादा ऑयली आहार न लें। अपने आहार में जस्ता, नाइट्रिक औक्साइड और विटामिन सी और विटामिनई जैसे पोषक तत्वों को शामिल करें। ब्रोकली से फर्टिलिटी बढ़ती है। इसके अलावा बादाम, खजूर, अंजीर जैसे सूखे-मेवे खाएं। डेयरी उत्पाद, लहसुन, दालचीनी, इलायची को अपने आहार में शामिल करें। विटामिन डी के लिए अंडे खाएं और ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। गर्भधारण करने की संभावनाएं बढ़े, इसके लिए अपने आहार में एक केला रोजाना जरूर खाएं। ऐसा आहार लें, जिसमें आयरन, कैलिशयम की कमी पूरी हो, इससे गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, तनाव, डिप्रेशन भी गर्भधारण में देरी का कारण है।
इनसे दूरी जरूरी है
ऑफिस वर्ककल्चर में आजकल महिलाओं के बीच सिगरेट और शराब का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसे कार्यशैली का हिस्सा मानकर महिलाएं इनके सेवन से परहेज नहीं करती। विशेषज्ञों के अनुसार, इनका सेवन करने से गर्भधारण करने में समस्या आती है। गर्भधारण में समस्या न आए इसके लिए इन चीजों से बचें। धूम्रपान करने से ओवरी की उम्र और अंडों की आपूर्ति कम हो जाती है। धूम्रपान फैलोपियन ट्यूब और सर्विक्स को भी नुकसान पहुंचाता है जिससे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी या गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। कैफीन और मांस का सेवन करना भी गर्भधारण में दिक्कत करता है। तैलीय भोजन, तली चीजें, ज्यादा मीठा, शराब पीना भी हानिकारक है। कोल्डड्रिंक, ज्यादा चाय, कॉफी पीने से कैफीन की मात्रा शरीर में बढ़ती है, जिसका फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है।
मोटापा भी है वजह
आपके शरीर का वजन भी आपकी प्रेग्नेंसी को बाधित कर देता है। मोटापे की वजह से फेलोपियन ट्यूब और ओवरी का मुंह बंद हो जाता है। इसके साथ ही मोटापे की वजह से कई महिलाओं की बच्चेदानी में सिस्ट आ जाते हैं। गर्भधारण करने के लिए वजन को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है। कंसीव करने के लिए आपके अपने शरीर के वजन पर भी कंट्रोल रखना होगा।
देर से शादी भी है वजह
कामकाजी महिलाएं करियर बनाने के चक्कर में शादी को टालती रहती हैं और बड़ी उम्र में जाकर शादी करती हैं। ज्यादा उम्र में शादी करने से भी गर्भधारण करने में समस्या आती है। ज्यादा उम्र में ओवरी काम करना बंद कर देती है।
डॉ. नीलांचली सिंह
असिस्टेंट प्रोफेसर, एलएनजेपी हॉस्पिटल दिल्ली
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.