इंटरमीडिएट 2019 : प्रयागराज की बेटी आकांक्षा शुक्ला ने पाया तीसरा स्थान
प्रयागराज। ग्रामीण पृष्ठभूमि में पली बढ़ी आकांक्षा ने इंटरमीडिएट परीक्षा 2019 में उत्तर प्रदेश की मेरिट सूची में तीसरा स्थान हासिल कर प्रयागराज का मान बढ़ाया है। वह आईएएस अफसर बनना चाहती है। कोरांव के रवनिया नैड़ी निवासी आकांक्षा के पिता अवधेश कुमार शुक्ला किसान हैं। माता अंजू शुक्ला गृहणी हैं और पति के साथ खेती-किसानी में सहयोग करती हैं। बेटी की उपलब्धि पर वह खुश थे। पड़ोस ही नहीं, गांवभर में मिठाई बांटी। कहा कि बेटी ने नाम रोशन कर दिया। आकांक्षा ने कहा कि उसे पता था कि सफलता का शॉर्टकट नहीं होता। बचपन से ही उसने पढ़ाई पर ध्यान दिया। भोर में चार बजे से पढ़ाई की। स्कूल में नियमित उपस्थित रहना, होमवर्क के साथ रिविजन करना दिनचर्या में शामिल रहा। आकांक्षा ने बताया कि पाठ्यक्रम का अतिरिक्त वह अन्य शैक्षिक सामग्री एकत्र कर पढ़ती रही है। उसने बताया कि उसका सपना आईएएस की परीक्षा देकर अफसर बनना है, लेकिन पीसीएस की भी परीक्षा में भी शामिल होना है। उसने कहा कि मेहनत करुंगी तो परिणाम भी बेहतर मिलेगा। आकांक्षा ने बताया कि हाई स्कूल में कड़ी मेहनत की लेकिन रैंक नहीं मिली। हताश होने की बजाय और मेहनत की, नतीजा सामने है। आकांक्षा का बड़ा भाई आदर्श स्नातक तृतीय वर्ष का छात्र तथा छोटी बहन अंजलि ने इस बार 11वीं कक्षा में बेहतर प्रदर्शन किया है। अगले वर्ष वह इंटर की परीक्षा में शामिल होगी।
कोरांव सिकरो स्थित सरदार पटेल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि आकांक्षा होनहार बच्ची है। उन्होंने शिक्षक दिवस पर ही कह दिया था कि वह जिले का नाम रोशन करेगी। उन्होंने बताया कि वह अद्वितीय प्रतिभा की धनी है। सभी शिक्षक और बच्चों को उस पर नाज है। उनका दावा था कि यह बेटी अफसर बनकर जिले और गांव का नाम रोशन करेगी।
सफलता का मंत्र
लक्ष्य का निर्धारण कर पढ़ाई में मन लगाएं। विद्यालय में सुविधाएं बढ़ें और कोचिंग से बचें। भोर में चार से छह बजे तक जरूर पढ़ें। महिला स्वावलंबन और युवा हित को प्राथमिकता देंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.