Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

​बेहतर शिक्षा की चाह में लड़कों से ज्यादा लड़कियां छोड़ रहीं अपना प्रदेश

Published - Thu 01, Aug 2019

आंकड़ों के मुताबिक 2001 से 2011 के ​बीच लड़कों का उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए अपना राज्य छोड़ने की संख्या में जहां म​हज 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वहीं, ऐसा करने वाली लड़कियों का आंकड़ा 52 प्रतिशत था।

नई​ दिल्ली। बेहतर शिक्षा और अच्छी नौकरी को लेकर लड़कियों में लड़कों से ज्यादा जागरुकता आई है। लड़कियां अब उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए अपना घर और प्रदेश छोड़ने से भी नहीं झिझक रही हैं। खास बात ये है कि इनमें उन राज्यों की लड़कियां अधिक हैं, जिन्हें पिछड़ा माना जाता है। यह दिलचस्प जानकारी 2011 में हुई जनगणना में सामने आई है।
आंकड़ों के मुताबिक 2001 से 2011 के ​बीच लड़कों का उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए अपना राज्य छोड़ने की संख्या में जहां म​हज 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वहीं, ऐसा करने वाली लड़कियों का आंकड़ा 52 प्रतिशत था। गौरतलब ​है कि 1992 से 2001 तक लड़कियां लड़कों की अपेक्षा अपने राज्य से शिक्षा लेने के लिए बाहर जाने के मामले में आधे से भी कहीं कम थीं। लेकिन 2001 के बाद इसमें काफी तेजी आई। नतीजतन 10 साल के भीतर 5 करोड़ 40 लाख युवा अपने प्रदेशों से दूसरे प्रदेशों में शिक्षा और नौकरी के लिए पहुंचे। इनमें युवतियों की संख्या काफी ज्यादा है। इनमें ​िशक्षा के लिहाज से पिछड़े माने जाने वाले राज्य बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान प्रमुख हैं।
उच्च शिक्षा के कारण महिलाओं के नौकरी करने के ग्राफ में भी 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने काे मिली। यह पुरुषों के 10 प्रतिशत रोजगार से कहीं ज्यादा है।  आंकड़ों के मुताबिक देश में नौकरीपेशा 6 करोड़ लोगों में महिलाओं की भागीदारी 12 प्रतिशत की है। राजधानी दिल्ली की युवतियों का उच्च ​िशक्षा और नौकरी के ​लिए प्रदेश छोड़ने का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ा है। पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, आेडिशा, बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में भी लड़कियों के शिक्षास्तर में लगभग दोगुने का उछाल देखा गया।
पंजाब और तमिलनाड़ु में 82 प्रतिशत लड़कियों ने शिक्षा के ​लिए अपने प्रदेश को छोड़ा है। इनकी तुलना में लड़कों की यह संख्या 74 प्रतिशत ही रही। बिहार में भले ही लड़कियों की शिक्षा को लेकर जागरुकता देखी गई, लेकिन फिर भी यह अन्य राज्यों की तुलना में काफी पीछे है। यहां 23 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने शिक्षा के लिए प्रदेश को छोड़ा है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में यह आंकड़ा क्रमश: 36 और 39 प्रतिशत रहा।
नौकरी के सिलसिले में प्रदेश छोड़ने के मामले में बिहार और उत्तर प्रदेश काफी फिसड्डी साबित हुए। 2011 के आंकड़ों के मुताबिक यहां केवल 7 प्रतिशत युवतियों ने नौकरी के लिए प्रदेश छोड़ा। इस मामले में छत्तीसगढ़ की स्थित बेहतर रही। यहां 29 प्रतिशत युवतियों ने नौकरी के लिए अपना घर छोड़ा। केरल और कर्नाटक में यह आंकड़ा 25 और 20 प्रतिशत रहा।