म्यांमार में जिस तरह सेना ने तख्तापलट किया है, उससे पूरी दुनिया खफा है। सब अपने-अपने तरीके से विरोध कर रहे हैं लेकिन म्यांमार की एक लड़की ने विरोध करने का और अपनी बात रखने के लिए एक अलग मंच चुना। जिसके बाद हर किसी का ध्यान उनकी ओर गया और उसके इस हौसले की हर तरफ तारीफ हो रही है।
नई दिल्ली। करीब एक महीने पहले 22 साल की हैन ले म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून की सड़कों पर सैन्य तख़्तापलट का विरोध कर रही थीं। फिर उन्होंने थाईलैंड में हुए मिस ग्रैंड इंटरनेशनल समारोह में हिस्सा लिया और यहां के मंच से अपने देश के लोगों की मदद मांगी। इस प्रतियोगिता में हिस्सा उन्होंने अपनी बात रखने के लिए लिया ताकि दुनियाभर में उनकी बात सुनी जा सके। इस मंच से उन्होंने सेना के कथित अत्याचारों के बारे में भाषण दिया तो उनकी इस स्पीच ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने बेहद भावुक अपील करते हुए कहा, आज मेरे देश म्यांमार में कई लोग मारे जा रहे हैं। कृपया हमारी मदद करें। हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अभी मदद चहिए। इस समारोह में हिस्सा लेने से पहले वह अपने देश की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहीं थीं।
मुझे मेरे परिवार की चिंता है
हैन ले यंगून युनिवर्सिटी में मनोविज्ञान की छात्रा हैं। उन्होंने फैसला किया कि वो अपने देश के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बात करेंगी। इसके लिए उन्होंने सौन्दर्य प्रतियोगिता का मंच चुना। एक साक्षात्कार में हैन ले ने बताया कि यहां मीडिया की आवाज दबाने के लिए भी कुछ पत्रकारों को भी हिरासत में लिया गया, तब मैंने फैसला कि जो हो रहा है, उसके विरोध में आवाज उठाऊंगी, वो भी किसी बड़े मंच से। तब इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मन बनाया।
अभी थाईलैंड में ही रहेंगी
हैन ले कहती हैं कि अपने इस भाषण के कारण वह देश की सेना के निशाने पर आ सकती हैं इसलिए वो अभी कुछ महीनों तक थाईलैंड में ही रहेंगी। उनका कहना है कि थाईलैंड आने से पहले वो इस बारे में सचेत थीं कि वो खुद को को खतरे में डाल रही हैं और उन्हें कुछ वक्त देश से बाहर रहना पड़ सकता है। उनकी मानें तो मुझे मेरे और अपने परिवार की सुरक्षा के बारे में चिंता है। मैंने सेना और देश की मौजूदा स्थिति के बारे में काफी कुछ कहा है। म्यांमार में सेना के बारे में बात करने के बारे में सभी को अपनी सीमा पता है। मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा कि मैं म्यांमार न लौटूं।
आवाज उठाना मेरा कर्तव्य था
हैन ले कहती हैं कि आवाज उठाना उनका कर्तव्य था और उन्होंने अपना यह कर्तव्य पूरा किया। उन्होंने बताया कि फिलहाल उनका परिवार सुरक्षित है लेकिन हाल में दिनों में म्यांमार में इंटरनेट कनेक्टिविटी अच्छी न होने के कारण उन्हें अपने परिजनों से संपर्क करने में मुश्किलें जरूर आ रही हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.