महाराष्ट्र की रहने वाली कल्याणी शिंदे एक ऐसे क्षेत्र से ताल्लुक रखती हैं। जहां किसानों का बड़ा वर्ग प्याज की खेती करता है। इसके लिए उन्होंने एक ऐसा सेंसर विकसित किया, जो फसल का नुकसान कम करने में सहायक है। उनके इस शोध से किसानों का काफी फायदा हो रहा है।
नई दिल्ली। कल्याणी शिंदे महाराष्ट्र के लासलगांव की रहने वाली हैं। लासलगांव एशिया के सबसे बड़े प्याज बाजार के लिए मशहूर है। बतौर कल्याणी मेरे पिता भी प्याज की खेती करते हैं। मैंने कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में स्नातक किया है और प्याज उत्पादक किसानों का दर्द करीब से देखा है। इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में मुझे एक प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने का मौका मिला, जिसमें मैंने प्याज उत्पादक किसानों की समस्याओं के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित समाधान खोजने लगी। एक फाउंडेशन ने मेरा सहयोग किया और मेरी मदद करने के लिए एक टीम भी मुहैया कराई। उस टीम के साथ मैंने किसानों से बातचीत कर उनकी समस्याएं समझीं। मुझे पता चला कि किसानों की प्रमुख समस्या भंडारण की है, क्योंकि फसल उत्पादन के बाद, प्याज को आमतौर पर छह से आठ महीने गोदामों में रखा जाता है। पर भंडारण के बाद भी प्याज का एक बड़ा हिस्सा सड़ जाता है। यही बात मेरे एग्रीटेक स्टार्टअप गोदाम इनोवेशन की नींव बन गई। हमने एक सेंसर विकसित किया, जो बिजली से संचालित होता है। यह फसल खराब होने पर किसान को सूचित करता है और यह पहचानने में भी मदद करता है कि प्याज के कौन से ढेर खराब हो रहे हैं।
नुकसान होता है कम
शुरुआत में हमने गोदाम में खराब हुए प्याज से निकलने वाली गैसों का पता लगाने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक का सहारा लिया। यह वास्तविक समय का डाटा इकट्ठा करता है, और किसानों को सचेत करता है। इससे फसल नुकसान बीस फीसदी तक कम हो गया।
किसानों को करती है सतर्क
फसल खराब होने से बच सके, इसके लिए मैंने और मेरी टीम ने एक ऐसी तकनीक पर काम करना शुरू किया, जो भंडारण इकाई के भीतर माइक्रोक्लाइमैटिकल परिवर्तनों की पहचान कर सकती है और किसान को फसल के खराब होने पर सतर्क करती है।
विस्तार की योजना है
इससे फायदा यह होता है कि किसान या तो खराब स्टॉक को साफ कर सकता है या अपनी उपज बेचने का फैसला कर सकता है। अभी हम नासिक के आसपास के कुछ गोदामों में इस सेंसर का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन बाद में इसके विस्तार की योजना पर भी काम कर रहे हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.