कहते हैं कि अगर इंसान में कुछ कर गुजरने का हौसला हो तो वह कुछ भी कर सकता है। राजस्थान के छोटे से गांव मावली की सोनू कोरोना योद्धा साबित हो रही हैं। उन्होंने न केवल अपने गांववासियों के लिए मास्क बनाया बल्कि उन्हें सिलकर पहनना भी सिखाया।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के दौर में एक तरफ उससे लड़ रहे डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की फौज है तो ऐसे भी कोरोना योद्धाओं की कमी नहीं है, जो अपने तरीके से इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में समाज की मदद कर रहे हैं। ऐसी ही एक कोरोना योद्धा राजस्थान के उदयपुर जिले के छोटे से गांव की सोनू गुर्जर भी हैं। सोनू ने न केवल घर पर मास्क सिलकर अपने गांव में इसे निशुल्क बांटा, बल्कि ग्रामीणों को मास्क पहनने से कैसे इस महामारी से बचा जा सकता है, इसके लिए भी जागरूक किया। साथ ही सीधे-सादे गांववालों को इसे कैसे पहना जाता है, यह तरीका भी सिखाया।
सिलाई का प्रशिक्षण अब काम आया
उदयपुर के पंचवटी सर्किल के मावली गांव की 28 वर्षीय सोनू को एड एट एक्शन इंटरनेशनल के लाइवलीहुड एजुकेशन एंड डेवलपमेंट (आई-लीड) प्रोग्राम के तहत सिलाई प्रशिक्षण मिला था। जब महामारी फैली तो उनके गांव और आसपास के इलाके में पर्याप्त मात्रा में मास्क ही उपलब्ध नहीं थे। गांव में पान का खोखा चलाने वाले बाबूलालजी गुर्जर की बेटी सोनू का कहना है कि मैं सिलाई जानती थी, इसलिए मैंने सोचा कि घर पर ही मास्क बनाकर जरूरतमंदों के बीच मुफ्त बांटकर इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
सरपंच का मिला सहयोग
कक्षा 12 तक शिक्षा प्राप्त सोनू को इस काम में गांव के उप सरपंच भूपेंद्र सिंह गुर्जर का भरपूर सहयोग मिला। जिन्होंने उन्हें पर्याप्त मात्रा में इको फ्रेंडली, रियूजेबल और स्वास्थ्य की दृष्टि से गुणवत्तापूर्ण मास्क बनाने के लिए कपड़ा उपलब्ध कराया। इसके बाद सोनू की मां केसर देवी और भाभी पूर्णिमा ने भी मास्क बनाने में उसका साथ देना शुरू कर दिया। भूपेंद्र सिंह गुर्जर का कहना है कि गांव वालों को मुफ्त मास्क उपलब्ध करवाने की पहल सरहनीय है। मुझे खुशी है कि गांव की बेटी और उसके परिवार के सदस्य इस पहल के लिए आगे आए हैं। सोनू के इस अभियान को लेकर लाइवलीहुड एजुकेशन के प्रोग्राम डायरेक्टर (साउथ एशिया) डॉ. ऐश्वर्य महाजन कहते हैं कि सोनू की इस पहल ने दूसरे युवाओं के लिए उदाहरण पेश किया है।
रोजाना बनाती हैं 50 मास्क, 2500 लोगों में बांटेगी
सोनू का कहना है कि वह रोजाना 50 मास्क तैयार कर लेती हैं। अपने गांववालों के बाद अब उनका लक्ष्य आसपास के इलाकों में कम से कम 2500 लोगों को इसे निशुल्क उपलब्ध कराना है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.