तमिलनाडु की सुचित्रा रामादुराई आजकल एक वीडियो सोशल मीडिया पर डालकर चर्चा में हैं। उन्होंने बेहद निडर होकर यह काम किया हालांकि बाद में पुलिस के दबाव और वकील के कहने पर उन्होंने यह वीडियो हटा दिया लेकिन तब तक इसे दो करोड़ से अधिक लोग देख चुके थे।
नई दिल्ली। हाल ही में तमिलनाडु में बाप-बेटे की हिरासत में हुई मौत से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ था। इंस्टाग्राम पर डाले गए इस वीडियो की वजह से देश भर में यह मामला सुर्खियों में आ गया था। यह वीडियो सुचित्रा रामादुराई ने डाला था जो कि एक रेडियो जॉकी और गायिका हैं। हालांकि बाद में पुलिस के दबाव में उन्होंने अपना यह वीडियो हटा लिया लेकिन तब तक इस वीडियो को भारत और दुनिया भर में करोड़ों लोग देख चुके थे।
व्यंग्य से शुरू की अपनी बात
उन्होंने वीडियो की शुरुआत इस लाइन से की थी, हाय, मैं सुचित्रा हूं और मैं एक दक्षिण भारतीय हूं। मैं इस बात से नफरत करती हूं कि क्यों दक्षिण भारत का कोई मुद्दा सिर्फ दक्षिण भारत का ही मुद्दा बन कर रह जाता हूं क्योंकि हम इसके बारे में अंग्रेजी में बात नहीं करते। आरोप है कि पुलिस ने लॉकडाउन में देर तक दुकान खोलने के आरोप में 58 साल के पी जयराज और 38 साल के उनके बेटे बेनिक्स को गिरफ्तार किया और हवालात में पीटा। बाद में पिता को छुड़ाने आए पुत्र को भी बुरी तरह पीटा गया। तमिलनाडु में अब भी कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लागू है। जयराज और बेनिक्स को पूरी रात पुलिस हिरासत में रखा गया था। दो दिन बाद दोनों की मौत हो गई। दोनों की मौत के बीच केवल कुछ घंटों का अंतर था।
जयराज और बेनिक्स के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि हिरासत में दोनों को यातनाएं दी गई थी, बेनिक्स को यौन यंत्रणा भी दी गई। परिवार की ओर से दायर किए मामले और गवाहों के बयान के आधार पर सुचित्रा ने अपने वीडियो में दावा किया था कि दोनों बाप-बेटे के साथ क्या हुआ था। वीडियो के आखिर में उन्होंने कहा था, व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई शुरू करते हैं। आप जहां कहीं भी हो, ये वीडियो शेयर कीजिए। उनके इस वीडियो को दो करोड़ लोगों ने देखा और सोशल मीडिया पर इसे लेकर जमकर प्रतिक्रिया आई थी। वीडियो की शुरुआत में स्थानीय भाषा में लिखा आता है, दो आदमियों के लिए इंसाफ की मांग। इसके बाद यह खबर देश भर की मीडिया में छा गई थी। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ट्रेंड करने लगी थी। राजनेताओं, क्रिकेट खिलाड़ियों, व्यापार से जुड़े बड़े नामों, कॉमेडियन और बॉलीवुड की शख्सियतों ने इसे लेकर ट्वीट करना शुरू कर दिया। देश भर में फैलते आक्रोश को देखते हुए यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। उसके बाद पुलिस हिरासत में हत्या करने के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी भी हुई। कुछ दिनों के बाद पांच और पुलिस वालों की गिरफ्तारी हुई, जिसमें एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल हैं।
पुलिस लगातार बना रही थी दबाव
जिन पुलिस वालों के ऊपर आरोप था, उनका शुरू में तबादला कर दिया गया था लेकिन बाद में दबाव बढ़ने और सख्त कार्रवाई की मांग को देखते हुए, उन्हें निलंबित कर दिया गया। इसके बाद सुचित्रा रामादुराई से तमिलनाडु पुलिस ने वीडियो हटाने को कहा। पुलिस का कहना है कि वो (सुचित्रा) गलत तरीके से इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही हैं और घटना को लेकर सनसनी पैदा कर रही हैं, जिसका कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। ट्विटर पर जारी किए बयान में पुलिस ने कहा कि रामादुराई का वीडियो पुलिस के खिलाफ नफरत फैला रहा था। सुचित्रा ने बताया कि राज्य के आपराधिक जांच विभाग की एक अधिकारी ने उन्हें वीडियो हटाने को कहा था क्योंकि वीडियो में जो घटनाक्रम बताया गया है वो मारे गए बाप-बेटे की पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट से मेल नहीं खाती है।
वकील के कहने पर बाद में हटा दिया वीडियो
सुचित्रा बताती हैं कि जब मैंने पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट मांगी तब मुझे यह कहकर मना कर दिया गया कि यह एक सीलबंद दस्तावेज है जो सीधे मामले की सुनवाई कर रहे जज को ही सौंपा जाएगा। वो आगे कहती हैं, मैं यह देखकर हैरान थी कि जब वो सीलबंद रिपोर्ट है तो फिर उस अधिकारी ने मेरे वीडियो में वो गलतियां कहां से पकड़ ली जो पोस्ट-मॉर्टम से मेल नहीं खातीं। हालांकि, रामादुराई ने अपने वकील के कहने पर वो वीडियो हटा लिया।
सुचित्रा मानती हैं, वह अपना काम कर चुकी हैं
सुचित्रा ने अपना वीडियो जरूर हटा दिया लेकिन वह कहती हैं कि उन्हें लगता है कि उन्होंने अपना काम कर दिया है और लोगों को अब कुछ भी कहकर बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है। वो कहती हैं, यह वीडियो खासतौर पर नब्बे के दशक की पीढ़ी की वजह से इतने लोगों तक पहुंचा। आप लोगों को यह कहकर अब बेवकूफ नहीं बना सकते कि यह फेक है और अराजकता फैलाने के लिए किया गया है। नौजवान पीढ़ी सब समझती है। वो इस झांसे में नहीं आने वाली।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.