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एक लड़की जिसकी जिद के आगे झुका रेलवे

Published - Fri 04, Sep 2020

अक्सर हमने सुना है कि रिक्शा या ऑटो वाला एक सवारी बैठाकर ले गया लेकिन क्या कभी हमने यह सुना है कि ट्रेन अकेले एक सवारी को लेकर चली ? रेलवे के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक अकेली सवारी को उसके गंतव्य तक ट्रेन से पहुंचाया गया। उसकी जिद के आगे रेलवे विभाग हार गया और उसे उसके आगे झुकना पड़ा।

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने मात्र एक महिला सवारी के लिए राजधानी एक्सप्रेस चलाई। सवारी को बीते कल यानि बृहस्पतिवार रात एक बजकर 45 मिनट पर 535 किमी दूर अकेले बिठाकर डॉल्टनगंज से रांची पहुंचाया गया। इस अनोखे मामले को जिसने भी जाना उसे पहले तो यकीन ही नहीं हुआ लेकिन सब यह बात सच साबित हुई तो हर कोई हैरान हो गया। इस लड़की के हौसले ने सबको यह बता दिया कि अगर आप सही हैं और अपनी बात पर अडिग हैं तो सामने वाला अपने कर्तव्यों से भाग नहीं सकता। 

क्या है पूरा मामला

दरअसल, दिल्ली से रांची राजधानी एक्सप्रेस को जब रवाना किया गया तो उसमें 930 यात्री सवार थे। इन यात्रियों को रांची जाना था लेकिन बीच रास्ते टोरी में टाना भगत का आंदोलन चल रहा था। आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठे थे। इस कारण रेलवे के अधिकारियों ने राजधानी एक्सप्रेस को डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर ही रोक दिया। आंदोलन की वजह से अधिकारियों ने ट्रेन को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया और रेलवे बोर्ड ने राजधानी एक्सप्रेस से सभी मुसाफिरों को उतारकर बस से रांची भेजने का फैसला किया। बोर्ड ने फैसला किया कि राजधानी एक्सप्रेस को डाल्टनगंज में ही खड़ा रखा जाएगा। इसके बाद जब आंदोलन खत्म होगा तो इसे नियमित रूट से रांची भेज दिया जाएगा।

930 में से 929 सवारी बसों से भेजी गई

इसके बाद रेलवे ने 930 में से 929 मुसाफिरों को रांची बस से भेज दिया, लेकिन एक सवारी बस से जाने के तैयार ही नहीं हुई। रेलवे के अधिकारियों ने इन युवती से कई बार कहा कि उसके पास बस के अलावा रांची जाने का कोई चारा नहीं है लेकिन युवती राजधानी एक्सप्रेस से ही जाने की जिद करने लगी। रेलवे के अधिकारियों ने युवती से यह भी कहा कि अगर वो चाहें तो उन्हें कार से रांची भेज दिया जाएगा, लेकिन युवती जिद पर अड़ी थी कि वो राजधानी एक्सप्रेस से ही रांची जाएगी।  युवती की जिद के आगे अधिकारियों के हाथ पैर फूलने लगे। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को आनन-फानन में यह बात बताई गई।

अनन्या की जिद के आगे झुका रेलवे बोर्ड

इसके बाद रेलवे बोर्ड ने डीआरएम को निर्देश दिया कि युवती को राजधानी में बैठाकर ट्रेन को दूसरे रूट से ले जाया जाय। इसके बाद रेलवे राजधानी एक्सप्रेस को डॉल्टनगंज से गया वापस लाकर वहां से गोमो व बोकारो के रूट से रांची ले गया। ट्रेन में अकेले यात्रा करने वाली युवती अनन्या ने बताया कि रेलवे अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता। युवती ने बताया कि जब ट्रेन डॉल्टनगंज पर रोक दी गई थी तब भी मैं अंदर ही बैठी रही। रेलवे के लोग अंदर आकर मुझे उतारने और बस तथा कार से भेजने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और साफ कह दिया कि रेलवे मुझे गंतव्य तक पहुंचाए। अनन्या ने कहा कि यह पूरा मामला मिस मैनेजमेंट का है। बता दें कि इस ट्रेन में कोई महिला सिपाही भी नहीं थी, आरपीएफ जवानों ने अनन्या को गंतव्य तक पहुंचाया।