ज्यादातर महिलाएं अपने आर्थिक फैसलों के लिए दूसरों पर निर्भर रहती हैं। वित्तीय मामलों में वह संकोची होती हैं। ऐसे में खुद फैसला लेने से आत्मविश्वास आएगा।
नई दिल्ली। आज महिलाएं हर क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल कर रही हैं। वह तेजी से आगे बढ़ रही हैं और अपने फैसले भी खुद ही करने लगी हैं लेकिन बावजूद इसके अभी भी कई चीजें ऐसी हैं, जिसके बारे में वह या तो कम सोचती हैं या अपने पति या परिजनों से पूछकर फैसले करती हैं लेकिन जानकारों की मानें तो अगर महिलाएं अर्थ से संबंधी फैसले खुद लेने लग जाएं तो उनकी तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है। इसके लिए उन्हें अपनी जानकारी बढ़ानी होगी और स्वेच्छा से निवेश करना होगा।
खुद लें अपने आर्थिक निर्णय
ज्यादातर महिलाएं अपने आर्थिक फैसलों के लिए दूसरों पर निर्भर रहती हैं, क्योंकि उनमें वित्तीय मामलों की जानकारी कम होती है साथ ही खुद फैसले करने में उन्हें संकोच रहता है, इसलिए जरूरी है कि जानकारी जुटाकर अब ऐसे फैसले खुद लें। पैसों से जुड़े मामलों में अपने माता-पिता, जीवनसाथी या फिर वित्तीय सलाहकारों से खुलकर बात करें और बिना हिचक पूरे आत्मविश्वास से बात करें।
अपने पास इमरजेंसी फंड जरूर रखें
महिलाओं को हमेशा इमरजेंसी फंड के तौर पर अपने पास कुछ राशि जरूर रखनी चाहिए। आर्थिक संकट से जूझने में ये फंड आपकी मदद कर सकता है।
बेहद महत्वपूर्ण होता है बीमा समय रहते बीमा कवर ले लेना सदैव बेहतर है। गंभीर बीमारी की हालत में चिकित्सा खर्च में मदद के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी जरूर खरीदें। इसके साथ ही गंभीर बीमारियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सालाना स्वास्थ्य जांच और अन्य जांच कराएं।
रिटायरमेंट प्लानिंग भी जरूरी
नौकरी करते समय हम मकान, गाड़ी खरीदने और बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए ही पूंजी जुटाने में व्यस्त रहते हैं और खुद के लिए योजना बनाने का समय ही नहीं मिलता। लिहाजा आपको यह समझना होगा कि रिटायरमेंट पूंजी जमा करना भी अन्य लक्ष्यों जितना महत्वपूर्ण है। अगर इसमें देरी होती है तो पर्याप्त पूंजी एकत्र करना संभव नहीं होगा और रिटायरमेंट के बाद आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ सकता है। इस लक्ष्य के लिए जितनी जल्दी हो सके अपने निवेश की शुरुआत कर दें। इससे आपको रिटायरमेंट के बाद अपनी जिंदगी के खर्चों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
सोच समझकर कर करें खरीदारी
कई दुकानें और वेबसाइट्स डिस्काउंट का प्रलोभन देती हैं। ऐसे में सोचकर समझकर खरीदारी करें, जिससे आपको बचत का लाभ मिल सके। पहला कैश डिस्काउंट और दूसरा होता है परसेंटेज डिस्काउंट। इलेक्ट्रोनिक प्रोडक्टस पर कंपनियां कैश डिस्काउंट देती हैं। यह डिस्काउंट एमआरपी पर मिलता है। डीलर्स के हिसाब से डिस्काउंट अलग-अलग होता है। इसलिए कुछ भी खरीदने से पहले इस पर गौर कर लें। इससे आप बचत कर सकती हैं।
समय पर शुरू करें निवेश
कई महिलाएं निवेश के बारे में सोचती ही नहीं हैं और इस कारण वो कीमती समय निकल जाता है, जिसमें किया गया निवेश काफी अच्छे रिटर्न दे सकता था। जितनी जल्दी निवेश शुरू किया जाए, ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है।
ज्यादा रिटर्न देने वाले विकल्पों में लगाएं पैसा
अगर आप सिर्फ एफडी या पीपीएफ जैसे पारंपरिक निवेश विकल्पों में निवेश करते हैं, तो आपको रिटर्न भी एक ही तरह का मिलता है, लेकिन आपको सिर्फ एक तरीके के निवेश विकल्पों से हटकर तेजी से रिटर्न देने वाले विकल्पों में पैसा लगाना चाहिए। म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए पैसा लगाते हैं, तो आपको काफी फायदा होगा।
क्रेडिट स्कोर बनाएं
लोन किसी इंसान की क्रेडिट क्षमता के आधार पर मिलता है। क्रेडिट इनफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (सिबिल) आपको 300 से 900 अंकों के बीच एक स्कोर प्रदान करता है। ये इस आधार पर तय होता है कि आपका पहले का क्रेडिट कार्ड उपयोग कितना है, आप अपना बैंक अकाउंट कैसे रखते हैं, कोई चेक तो बाउंस नहीं हुआ है, मौजूदा लोन, बिना इंश्योरेंस के मौजूदा लोन, लोन के रीपेमेंट और आपने कितनी बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन दिया है। जिन लोगों को सिबिल स्कोर 700 से ज्यादा होता है, उन्हें लोन आसानी से मिल जाता है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.