शादी एक ऐसा बंधन है, जो जीवन की नई राह की ओर ले जाता है। लेकिन कई बार यह राह कई कारणों से बेहद मुश्किल हो जाती है। ऐसे में शादी एक बोझ सा लगने लगती है। शादीशुदा जीवन में यदि गंभीर समस्या पेश आ रही है, तो आप कानून का सहारा ले सकती हैं।
शादी में हुआ हो धोखा
जी मेरा लड़का डॉक्टर है। शादी के बाद पता चलता है कि वह डॉक्टर के यहां काम करता है। अक्सर इस तरह की खबरें आती हैं कि लड़के का पेशा बताया कुछ और गया था और झूठ बोलकर विवाह संपन्न कराया। शादी के बाद हकीकत सामने आई। धोखे में रखकर शादी करना या तथ्य छिपाना भी अपराध की श्रेणी में आता है।
संबंधित कानून
इसके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 496 के अंतर्गत 7 वर्ष तक कारावास और जुर्माना निर्धारित है।
कम उम्र में शादी
लड़कियों को बोझ समझकर लोग कम उम्र में विवाह करने से गुरेज नहीं करते। लड़की के लाख मिन्नतें करने के बाद भी उनकी सुनी नहीं जाती। अगर आपके साथ या किसी परिचित के साथ ऐसा हुआ हो, तो डरें नहीं शिकायत करें।
क्या है शादी की सही उम्र
यदि पति कर रहा हो दूसरा विवाह
क्या है सजा
भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत ऐसा करने पर 7 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है।
दूसरी शादी के नियम
यह धारा ऐसे किसी व्यक्ति पर लागू नहीं है, जिसके पहले विवाह को न्यायालय द्वारा अमान्य घोषित किया जा चुका हो, अथवा ऐसे व्यक्ति पर जिसका पति या पत्नी कम से कम पिछले 7 वर्षों तक अनुपस्थित रहा/रही हो और जिसके जीवित होने के बारे में न सुना गया हो, परंतु दूसरा विवाह कराने वाले व्यक्ति को विवाह संपन्न होने से पूर्व विवाह सूत्र में बंधने वाले अपने पति या पत्नी को इसकी जानकारी देनी होगी।
मैट्रीमोनियल वेबसाइटों पर भरोसा न कीजिए
डिजिटल युग के आने के बाद मैट्रिमोनियल साइट्स की बाढ़ सी आ गई। इनके विज्ञापन भी खूब आते हैं। एक क्ल्कि में हजारों लड़के आपकी आंखों के सामने होते हैं, लेकिन जरा रुकिए। इन साइटों पर भरोसा न कीजिए। अक्सर देखा जाता है कि खोदा तो पहाड़ जाता है और उसमें से निकलती चूहिया ही है और माथा पकड़ने और जिंदगी भर रोने के अलावा कोई चारा नहीं बचता।
अपनाएं कुछ सुरक्षित उपाय
रिश्ता अगर विदेश से आया हो हो
भारतीय अप्रवासियों की बढ़ती संख्या और इसके फलस्वरूप विदेशों में होने वाले विवाहों के कारण इस प्रकार के विवाहों में वैवाहिक तथा विवाह से जुड़े विवादों की संख्या बढ़ती जा रही है। विदेशों में बसे भारतीयों के साथ विवाह में सावधानी न बरतने और तथ्यों की पर्याप्त जानकारी न होने के कारण समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। ऐसे मामलों में विभिन्न कारणों से, जैसे घरेलू हिंसा, विवाहेत्तर संबंधों, वीजा/आप्रवासन प्राप्त करने में विलंब, एकतरफा विवाह-विच्छेद आदि, पति पत्नी तक को छोड़ देने तक की नौबत आ जाती है। एनआरआई से विवाह कर रही हैं, तो सावधानी बरतना जरूरी है।
बचें इन बातों से
यह कदम जरूर उठाएं
सामाजिक विवाह के साथ-साथ विवाह के पंजीकरण पर अवश्य बल दें।
विवाह पंजीकरण प्रमाण-पत्र हमेशा अपने साथ रखें।
अपनी ओर से वीजा तथा अन्य अपेक्षित औपचारिकताओं के संबंध में सारी कागजी कार्रवाई पूरी करें । सारे मूल कागज़ात अपने पास रखें।
अपना पासपोर्ट हमेशा अपने कब्जे में रखें। पासपोर्ट की कम से कम एक प्रति पास रखें।
अपने पति/पत्नी से एक शपथ-पत्र देने को कहें, जिसमें वर्तमान वैवाहिक स्थिति का उल्लेख हो।
विदेश में नए आवास में पहुंचने से पूर्व बीमा अवश्य करा लें।
आपस में और अपने परिवारों के साथ नियमित और सार्थक बातचीत बनाए रखें।
यह अवश्य सुनिश्चित करें कि विवाह बंधन में बंधने वाले दोनों व्यक्ति आपस में मिले और सौहार्दपूर्ण वातावरण में मुक्त तरीके से बातचीत करें।
यदि आपको लगे कि कुछ गलत या अनुपयुक्त हो रहा है तो अपने अंदर की आवाज़ सुनें और इस पर अपनों से चर्चा करें।
भावी पति/पत्नी के मित्रों, परिवार के सदस्यों और नियोक्ताओं से संपर्क करें।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.