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यदि सुरक्षित हो तो नाबालिग का तुरंत गर्भपात करें : हाईकोर्ट

Published - Mon 05, Apr 2021

पंजाब हाईकोर्ट का पीजीआई रोहतक को मेडिकल बोर्ड गठन का निर्देश, दुष्कर्म के चलते 20 सप्ताह से अधिक का हो चुका था पीड़िता का गर्भ

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दुष्कर्म के चलते गर्भवती हुई नाबालिग का 20 सप्ताह से अधिक का गर्भ गिराने के लिए स्वयं पीड़िता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पीजीआई रोहतक को आदेश दिया है, कि यदि सुरक्षित हो तो जल्द से जल्द पीड़िता का गर्भपात करवाया जाए। इसके लिए पीजीआई रोहतक को मेडिकल बोर्ड का गठन करने के निर्देश दिए गए है।

 

नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने कोर्ट से की थी गुहार
नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने अपनी मां के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए अपने गर्भ को गिराने के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। इसमें याची ने बताया कि पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी के खिलाफ 15 मार्च को एफआईआर भी दर्ज कर ली है। जब गर्भ के बारे में पता चला तो वह गर्भपात करवाने के लिए अस्पताल पहुंची। अस्पताल में बताया गया कि गर्भ 20 सप्ताह से अधिक का है और ऐसे में बिना हाईकोर्ट की अनुमति के गर्भपात नहीं किया जा सकता।

संसद ने गर्भपात के नियमों में किया है संशोधन
हाईकोर्ट ने कहा कि हाल ही में संसद ने गर्भपात के नियमों में संशोधन किया है और अब 24 सप्ताह तक के गर्भ को बिना हाईकोर्ट की अनुमति के गिराया जा सकता है। अभी बच्ची नाबालिग है और उसका पूरा जीवन उसके सामने बाकी है। गर्भपात न होने की स्थिति में उसके दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

गर्भ का डीएनए को सुरक्षित रखा जाए
हाईकोर्ट ने पीजीआई रोहतक को मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि सुरक्षित हो तो तुरंत पीड़िता का गर्भपात करवाया जाए। साथ ही गर्भपात करते हुए गर्भ का सैंपल लेकर उसके डीएनए को सुरक्षित रखा जाए।