मोदी कैबिनेट ने दी सरोगेसी रेग्युलेशन बिल को मंजूरी दे दी है। नए बदलाव के अनुसार, करीबी रिश्तेदारों के साथ ही अब कोई भी महिला सरोगेट बन सकती है, यदि वह इसके लिए सहमत या इच्छुक है। बिल के प्रावधानों का निसंतान दंपती के अलावा विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी फायदा होगा। संशोधित बिल में सरोगेट मां के लिए बीमा कवर 36 महीने किया गया है जबकि पहले यह 16 महीने था। सरोगेसी का कमर्शियल इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा।
नई दिल्ली। पश्चिमी देशों में सरोगेसी यानी किराए पर कोख देने का चलन पुराना है। भारत में भी अब इसका चलन शुरू हो चुका है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। बताते चलें कि जब बॉलीवुड के दिग्गज हस्तियों ने सरोगेसी से बच्चे पैदा करने की खबरें सामने आने लगीं, तब किराए पर कोख भी ली जा सकती है, आम लोगों को इसके बारे में ज्यादा पता चला। वैसे देश में ऐसे कई क्लिनिक खुले हुए हैं, जहां पर किराए की कोख का धंधा चलता है। सरोगेसी एक व्यवसाय बन गया, जिसे लेकर संसद में भी कई बार यह मुद्दा गूंजा। तब एक बिल लाया गया कि अगर कोई महिला सरोगेट मदर बनना चाहती है तो अपने ही किसी नि:संतान दंपती के बच्चे को सरोगेसी से जन्म दे सकेगी। कई बार आपने खबरें पढ़ी होंगी कि फलां महिला ने अपने ही नाती को अपनी कोख से जन्म दिया। दरअसल, जब किसी महिला को या तो गर्भाशय का संक्रमण हो या फिर वह किसी अन्य कारण (जिसमें बांझपन भी शामिल है) से गर्भ धारण करने में सक्षम नहीं होती है, तब सरोगेसी के जरिए वह संतान की खुशी हासिल कर सकती है। लोगों के लिए यह एक बेहतरीन चिकित्सा विकल्प है।
सरोगेसी रेग्युलेशन बिल को मंजूरी
अब केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए सरोगेसी रेग्युलेशन बिल को मंजूरी दे दी। नए बदलाव के अनुसार, करीबी रिश्तेदारों के साथ ही अब कोई भी महिला सरोगेट बन सकती है, यदि वह इसके लिए सहमत या इच्छुक है। बिल के प्रावधानों का निसंतान दंपती के अलावा विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस बिल को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों को बिल में शामिल किया गया है। समिति ने बिल के मसौदे का अध्ययन कर अपनी सिफारिशें दी थी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि बिल में प्रस्ताव किया गया है कि भारतीय मूल के पति और पत्नी देश में सरोगेसी का विकल्प चुन सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के प्रजनन के अधिकार के मुद्दे पर सकारात्मक रुख दिखाया। लोकसभा से अगस्त 2019 में पारित बिल के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया गया है। इसमें निसंतान दंपती के करीबी रिश्तेदार के ही सरोगेट मां बनने का प्रावधान भी है। इस प्रावधान की काफी आलोचना हुई थी। इसे देखते हुए सरकार भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता वाली राज्यसभा की प्रवर समिति को बिल भेजने को सहमत हो गई थी। इस समिति ने विभिन्न स्टेकहोल्डरों से व्यापक चर्चा के बाद अपनी सिफारिशें की थीं। इसमें यह सिफारिश भी शामिल है कि न सिर्फ करीबी रिश्तेदार बल्कि कोई भी ऐसी महिला, जो इच्छुक हो वह सरोगेट बन सकती है।
15 अहम बदलाव
राज्यसभा की 23 सदस्यीय प्रवर समिति ने सरोगेसी रेग्युलेशन बिल 2019 में 15 अहम बदलाव किए हैं। इसमें दंपती के लिए शादी के बाद पांच साल तक इंतजार करने वाली शर्त को भी हटा लिया गया है। समिति ने कहा था कि बच्चे के लिए पांच का इंतजार करना काफी लंबी अवधि है। इस संशोधित बिल को बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद में पेश किया जाएगा। सरोगेसी पर निगरानी के लिए केंद्र स्तर राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य सरोगेसी बोर्ड और उचित प्राधिकारों की स्थापना का भी प्रस्ताव है। संशोधित बिल में सरोगेट मां के लिए बीमा कवर 36 महीने किया गया है जबकि पहले यह 16 महीने था। सरोगेसी का कमर्शियल इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा।
दो प्रकार की होती है सरोगेसी
एक ट्रेडिशनल सरोगेसी और दूसरी जेस्टेशनल सरोगेसी। ट्रेडिशनल सरोगेसी में पिता के शुक्राणुओं को एक अन्य महिला के अंडाणुओं के साथ निषेचित किया जाता है। इसमें जैनेटिक संबंध सिर्फ पिता से होता है, जबकि जेस्टेशनल सरोगेसी में माता-पिता के अंडाणु व शुक्राणुओं का मेल परखनली विधि से करवा कर भ्रूण को सरोगेट मदर की बच्चेदानी में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इसमें बच्चे का जैनेटिक संबंध माता-पिता दोनों से होता है।
इन्होंने बच्चे सरोगेसी से पैदा हुए
आमिर खान, शाहरुख खान, कृष्णा और कश्मीरा, फराह खान और शिरीष कुंदर, सोहेल खान और सीमा खान। कुंवारे एक्टर तुषार कपूर और उनकी कुंवारी बहन एकता कपूर के अलावा फिल्मकार करण जौहर ने भी सरोगेसी से बच्चे पैदा करवाए। सरोगेसी के जरिए तुषार एक लड़के के पिता बने। तुषार ने बेटे का नाम लक्ष्य कपूर रखा है। तुषार कपूर की शादी नहीं हुई हैं। शाहरुख खान और गौरी खान की तीसरी संतान अब्राहम का जन्म आईवीएफ तकनीक के जरिए सरोगेसी से हुआ है। बॉलीवुड के परफेक्शनिस्ट आमिर खान और उनकी पत्नी किरण राव ने मीडिया को बताया था कि उनका बेटा आजाद राव खान आईवीएफ तकनीक के जरिए सरोगेसी से हुआ था। आमिर ने एक लेटर जारी करते हुए विज्ञान के चमत्कार को धन्यवाद कहा था। फराह खान और शिरीष कुंदर बॉलीवुड का ऐसा कपल है जिन्होंने सार्वजनिक घोषणा की थी कि उन्हें तीन बच्चे आईवीएफ तकनीक के जरिए हुए हैं। सलमान खान के भाई सोहेल खान और सीमा खान दूसरा बेबी चाहते थे तो उन्होंने योहान खान के लिए आईवीएफ तकनीक अपनाई थी। द कपिल शर्मा शो में सपना बने कृष्णा अभिषेक और कश्मीरा ने सरोगेसी से जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। करण जौहर भी सरोगेसी तकनीक से जुड़वा बच्चों (बेटी-बेटी) के पिता बने।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.