हर त्योहार में घोलें मिठास, बनाएं कुछ खास, मेहमान करेंगे तारीफ
मिठाई का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है, और अगर बात खस्ता बालूशाही की हो तो कहने ही क्या। जी हां, एक ऐसी मिठाई जो त्योहारों पर तो बाजार से आती ही है, लेकिन घर पर बनाकर हर महिला अपनी रसोई की शान बढ़ाने के साथ-साथ खुद की भी वाहवाही करवा सकती हैं। तो आइए जानते हैं कि खस्ता बालूशाही कैसे बनाई जाए।
अगर घर पर मेहमान आए हैं और 4-5 लोगों के लिए खस्ता बालूशाही बनानी है तो इस तरह करें तैयारी।
एक कप मैदा,1/4 कप घी, 1/4 कप पानी, दो चुटकी बेकिंग सोडा, 1 छोटा चम्मच दही। चाशनी के लिए 500 ग्राम शक्कर, डेढ़ कप पानी, थोड़ा सा इलायची पाउडर, तथा सजावट के लिए कटे हुए ड्राइफ्रूट्स।
इस तरह बनाएं
एक बाउल या बर्तन में घी और पानी डालकर अच्छे से मिला लें और इसके बाद दो चुटकी बेकिंग सोडा डालें। इसके बाद एक चम्मच दही डालकर अच्छे से मिक्स कर लें। इसके बाद इसमें छानकर मैदा डाल दें और अच्छे से मिलाकर आटे की तरह गूंद लें। इस बीच एक-एक चम्मच करके तीन बार मैदा और मिला लें। मुलायम आटा गूंदने के लिए के बाद इसे 8-10 मिनट तक के लिए रख दें। इस बीच चाशनी तैयार कर लें। इसके लिए एक पैन में शक्कर और पानी डालकर गैस की मध्यम आंच पर गर्म करें। बीच-बीच में चम्मच से चाशनी को चलाते रहें। एक उबाल के बाद इसे आंच से हटा लें। अब आटे को चार हिस्सों में काट लें और इसकी लोइयां बना लें और हल्का-सा दबाकर इसके बीच में उंगली से छेद कर लें। इसी तरह सारी लोइयों से बालूशाही बना लें। धीमी-मध्यम आंच पर कडाही में घी डालकर गर्म करें और गर्म होने पर उसमें कच्ची बालूशाही डालकर तलना शुरू करें। इस दौरान इसका पूरा ध्यान रखें कि आंच मध्यम ही हो। एक साइड से सुनहरा होने बाद बालूशाही को पलटी देकर दूसरी साइड से भी तलें। जब बालूशाही पूरी तरह से सुनहरी हो जाए तो उसे घी में से निकालकर चाशनी में डाल दें। करीब 5-5 मिनट तक दोनों साइड से बालूशाही को चाशनी में रखें ताकि चाशनी उसमें अच्छी तरह से घुस जाए। इसके बाद बालूशाही पूरी तरह से तैयार है। सर्व करते समय इस पर ड्राइफ्रूट्स से सजावट कर दें।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.