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महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

खुद को थोड़ा सा बदलकर ऑफिस और घर से बाहर निकलें

Published - Sun 05, May 2019

खुद को अपडेट रखें और जीएं खुशनुमा जिंदगी

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घर और ऑफिस की जिम्मेदारी की भागदौड़ के बीच कामकाजी महिलाओं के पास खुद के लिए समय ही नहीं रह पाता। एक समय आता है जब वह खुद अपनी इस रूटीन लाइफ से बोरियत महसूस करने लगती है और थकान और कमजोरी तक महसूस करने लगती है। ऐसी जिंदगी को अलविदा कहना होगा और इसके लिए जरूरी है कि खुद में आत्मविश्वास जगाना होगा और अपडेट करना होगा। वक्त के अनुसार खुद को अपडेट नहीं किया तो जमाना आगे निकल जाएगा और आप सोचती ही रह जाएंगी। सकारात्मक सोच और रोजाना की दिनचर्या में थोड़ा-सा बदलाव करके आप मॉडर्न दिखने के साथ ही समय के साथ भी चल सकेंगी।

इस तरह करें खुद में बदलाव

कामकाजी महिलाओं के लिए मॉर्निंग वॉक पर जाना थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन अपने आप को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। दिनभर में कम से कम 30-35 मिनट अपने लिए जरूर निकालें। सुबह की सैर करने से मन में ताजगी आती है और दिनभर काम करने की ऊर्जा मिलती है। यदि मॉर्निंग वॉक पर नहीं जा सकें तो योग और व्यायाम से भी चेहरे की चमक और रौनक हासिल की जा सकती है। भड़कीले रंगों या ज्यादा एंब्रॉयडरी वाले कपड़ों को पार्टी या इवेंट्स के लिए ही रखें। अपने वॉर्डरोब में रोज में पहनने वाले सिंपल और कंफर्टेबल आउटफिट्स की संख्या बढ़ाएं। फैशन ट्रेंड्स को फॉलो करना सही है, लेकिन वही पहनें जिसमें सहज रह सकें।

घर हो या ऑफिस, दोनों जगह जो बात आपको नॉलेज की जरूरत रहेगी। अपडेट रहने के लिए रोज कम से कम एक समाचार पत्र जरूर पढ़ें, पत्रिकाएं लें, साथ ही सोशल गैदरिंग का हिस्सा बनें। नौकरी करती हों या होम मैनेजर हों, खुद को हमेशा सीखने के लिए तैयार रखें। चेहरे की रौनक बनाए रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी और तरल पदार्थ लें। भोजन पौष्टिक हो। इसके अलावा 6 से 8 घंटे की नींद लें, ताकि चेहरा थका-थका सा न लगे। अगर मानसिक थकान हो तो बच्चों के साथ खेलें, उनसे बात करें, संगीत सुनें या फिर बागवानी जैसे काम करें। इन कार्यों से थकान गायब होती है और कुछ क्रिएटिव करने का सुकून भी मिलता है। परेशान रहने पर अपनी बात किसी दोस्त या भरोसेमंद व्यक्ति से बात शेयर करें। हो सकता है कि जिस समस्या का हल आपको न मिल पा रहा हो, उसका कोई हल उसके पास हो। वीकेंड पर घर में अकेले बैठे रहने के बजाय बच्चों के साथ पार्क जाएं, पिकनिक करें, दोस्तों-रिश्तेदारों से मिलने जाएं या घर पर ही किसी को आमंत्रित करें। इससे दिनचर्या की एकरसता टूटेगी और नई ऊर्जा भी मिलेगी। सादगी में एक खूबसूरती छिपी है लेकिन कभी-कभी हल्का मेकअप करना, खुद को अच्छी तरह संवारना भी जरूरी है। पड़ोस में रहने वाले लोगों से संपर्क बनाए रखें और अपनी सोसाइटी की आरडब्ल्यूए के कार्यक्रमों में भागीदारी करें। इससे सामाजिक व्यवहार बना रहेगा और किसी मुश्किल वक्त में पड़ोस के लोग काम भी आएंगे। जीवन में कभी आशा का दामन न छोड़ें। हर हाल में खुश रहें, सकारात्मक नजरिया बनाए रखें। आगे बढ़ने की यह जरूरी शर्त है।