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कब और कितना सोएं, स्वस्थ्य रहने के लिए यह भी जानना जरूरी

Published - Sun 23, Jun 2019

नींद और सेहत का ‌रिश्ता बहुत पुराना है। अपने सोने के समय को सुधारकर, बेहतर स्वास्थ्य को पाया जा सकता है।

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डॉ. विनोद गुप्ता

नींद प्रत्येक प्राणी की मूल आवश्यकता है। बच्चे हों या बूढ़े अथवा जवान, हर व्यक्ति को अपनी उम्र के मुताबिक सोना चाहिए। खासकर महिलाएं अपनी नींद को लेकर जरूर जागरुक रहें।
लेकिन कब और कितना सोएं, यह एक अहम बात है। आज की व्यस्त और भागमभाग भरी जीवनशैली में व्यक्ति आधी रात के बाद ही सो पाता है। लेकिन क्या देर रात तक जागना उसकी सेहत के लिए ठीक है? मानव शरीर एक क्रोनोटाइप के अनुसार काम करता है, जिसे आतंरिक घड़ी भी कहते हैं। यह घड़ी बताती है कि हमें कब खाना, सोना और जागना है। प्राकृतिक तौर पर मनुष्यों में यह घड़ी जल्दी सोने और जल्दी जागने के हिसाब से काम करती है। व्यक्ति की दिनचर्या इससे इतर होने पर उसके खाने-पीने पर भी प्रभाव पड़ता है।
प्रकृति ने दिन काम करने के लिए, रात सोने के लिए बनाई है।  रात बारह या एक बजे सोएंगे, तो उठेंगे कब? यदि आपको सूर्योदय के पूर्व या सूर्योदय के समय उठना है, तो अधिकतम रात 10 बजे तक सो ही जाना चाहिए। देर रात तक जागने और सुबह देर तक सोने की दिनचर्या आपको आरामदायक भले लगती हो, लेकिन सेहत पर इसका बड़ा दुष्प्रभाव पड़ता है। ब्रिटेन की नॉर्थंब्रिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसे लोगों को दिल की बीमारियों और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है। सोने से पहले अंधेरे कमरे में स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे आपकी नींद को नुकसान पहुंच सकता है।ब्रिटेन की लिंकन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता माइकल मिरकू के अनुसार, पूर्व के अध्ययन से स्क्रीन के इस्तेमाल और कम उम्र के लोगों में नींद की गुणवत्ता के बीच संबंध का पता चला था। जो लोग देर से सोते हैं, वे देर से उठते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन में कभी सूर्योदय देख नहीं पाते।

यदि आपको जल्दी सोना है, तो देर रात तक टीवी देखने, इंटरनेट या वाट्सएप पर व्यस्त रहने की आदत छोड़ दें। अच्छी सेहत की खातिर यदि इनमें कटौती करनी पड़े, तो करें। आप ताजगी, चुस्ती-स्फूर्ति का अनुभव करेंगे। भरपूर नींद आपके तन, मन और मस्तिष्क को बेहतर बनाएगी।