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अशांत इलाकों में तैनात महिला सीआरपीएफ कर्मियों के लिए लगेंगी सेनेटेरी पैड की मशीनें

Published - Mon 22, Jul 2019

सरकार ने अशांत इलाकों में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महिला कर्मियों के लिए 500 से अधिक सेनेटरी पैड डिस्पेंसर (वितरक मशीनें) और इनसिनेरटर (अपशिष्ट निस्तारण मशीन) लगाने के लिए विशेष फंड को मंजूरी दी है।

sanitary napkins

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता प्रदर्शित करने वाली अपने तरह की पहली बजटीय व्यवस्था का प्रावधान किया है। इस कदम के तहत सरकार ने अशांत इलाकों में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महिला कर्मियों के लिए 500 से अधिक सेनेटरी पैड डिस्पेंसर (वितरक मशीनें) और इनसिनेरटर (अपशिष्ट निस्तारण मशीन) लगाने के लिए विशेष फंड को मंजूरी दी है।
सरकार ने सेनेटरी पैड के लिए 288 वितरक मशीनों और इतनी ही निस्तारण मशीनों की खरीद के लिए पैसा भी मुहैया कराया है। सीआरपीएफ को सभी छह महिला बटालियन, त्वरित कार्यबल की 15 विशेष दंगारोधी यूनिटों और प्रशिक्षण संस्थानों में कपड़े सुखाने के लिए 783 स्टील फ्रेम स्टैंड खरीदने को भी मंजूरी दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन कामों के लिए 2,10,69,000 रुपये मंजूर किए हैं। मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, एक सेनेटरी पैड वेंडिग मशीन की लागत 2,50,000, एक अपशिष्ट निस्तारण मशीन की कीमत 40,000 और कपड़े सुखाने के एक स्टैंड की कीमत 3000 रुपये है। यह सारा खर्चा स्वीकृत बजटीय अनुदान से पूरा किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, संघर्षरत वाले क्षेत्रों में 8000 से अधिक महिलाकर्मी तैनात हैं। यूपी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पद पर तैनात रेणुका मिश्रा ने कुछ साल पहले एक सर्वे में महिला कर्मियों के लिए कार्यस्थल पर आने वाली दिक्कतों का जिक्र किया था।
रेणुका सशस्त्र सीमा बल में महानिरीक्षक रह चुकी हैं। सीआरपीएफ की महिला कर्मियों ने बताया था कि कई बार पेशाब जाने से बचने के लिए वे लंबे समय तक पानी नहीं पीती हैं।
 काम के दौरान कपड़े धोने और अंतवस्त्रों को सुखाने के लिए उचित जगह नहीं मिलती है। साथ ही ड्यूटी के दौरान सेनेटरी पैड खरीदने और इनके निस्तारण में काफी दिक्कत आती है।